कानपुर. बचपन से तैराकी का शौक लेकर बड़े हुए कानपुर के गुप्तार घाट निवासी रोहित एक ओर जहां तैराकी में देश भर की आयोजित प्रतियोगिताओं में अपना डंका बजा चुके हैं तो वहीं दूसरी ओर कई लोगों की जान भी बचा चुके हैं. जी हां अब तक रोहित गंगा में डूब रहे लगभग 50 से ज्यादा लोगों की जान बचा चुके हैं.
न्यूज़ 18 लोकल की टीम से रोहित ने बताया कि वह कानपुर के गंगा के गुप्तार घाट के किनारे रहते हैं. उनके पिता नाव चलाते थे, जिसके चलते वे बचपन से ही तैराकी कर रहे हैं. जैसे-जैसे वे बड़े हुए तैराकी को लेकर उनका शौक बढ़ता गया. वहीं गंगा किनारे घर होने के चलते कई बार उनके सामने लोग उनको डूबते दिखाई दिए तो उन्होंने अपनी जान की बाजी लगाकर उनकी जान बचाई. तब इन्होंने यह तय किया कि वे लोगों को डूबने नहीं देंगे.
रोहित अब तक 50 से अधिक लोगों की जान बचा चुके हैं. वे अपने दोस्तों के साथ मिलकर गंगा स्नान के त्योहारों पर नाव में सवार होकर निगरानी करते हैं. जैसे ही उन्हें कोई व्यक्ति गंगा में डूबता दिखाई देता है, वे फौरन उसकी मदद को पहुंचते हैं. इस तरह से उन्होंने अब तक 50 से अधिक लोगों को गंगा में डूबने से बचाया है. वर्ष 2020 में इन्होंने गुप्तार घाट पर 11 लोगों की जान बचाई थी. वहीं कार्तिक पूर्णिमा पर दो दोस्तों को गंगा में डूबने से इनकी टोली ने बचाया था.
जहां एक ओर रोहित को उनकी तैराकी के लिए कई अवॉर्ड मिल चुके हैं तो वहीं इनके द्वारा लोगों की जान बचाने जाने को लेकर भी उन्हें सराहा जाता है. इसके साथ ही कानपुर के मंडल आयुक्त की ओर से उन्हें जीवन रक्षा सम्मान दिए जाने के लिए भी नामित किया गया है. जिसके लिए खुद मंडलायुक्त ने विशेष सचिव को पत्र लिखा हुआ है कि कानपुर के रोहित को जीवन रक्षा सम्मान दिया जाए.
रोहित ने कानपुर से प्रयागराज तक डॉल्फिन विधि से तैराकी की हुई है. वे अपनी टोली के साथ हाथ में तिरंगा लेकर गंगा नदी में प्रयागराज तक का सफर तय किया था. जिसका रिकॉर्ड भी उनके नाम दर्ज है. फिलहाल रोहित कानपुर विश्वविद्यालय के स्विमिंग पुल पर जीवन रक्षक के रूप में भी कार्य काम कर रहे हैं.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
FIRST PUBLISHED : December 06, 2022, 15:08 IST