Kannur University VC Row: SC के फैसले पर बोले आरिफ मोहम्मद खान, सारा दबाव CMO का था

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की “दबाव रणनीति” के कारण नवंबर 2021 में गोपीनाथ रवींद्रन को कन्नूर विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में फिर से नियुक्त किया गया। यह दावा सुप्रीम कोर्ट द्वारा रवींद्रन की पुन: नियुक्ति को रद्द करने के बाद आया है। उन्होंने कहा कि यह शिक्षा मंत्री नहीं हैं जो मेरे कार्यालय आये थे। एक ओएसडी और एक शख्स जिसने खुद को सीएम का कानूनी सलाहकार बताया। वे चांसलर के रूप में शिक्षा मंत्री का एक पत्र लेकर आए जिसमें प्रस्ताव किया गया था कि उन्हें महाधिवक्ता की राय के साथ विधिवत हस्ताक्षरित नियुक्त किया जाना चाहिए।

आरिफ ने आगे बताया कि मैंने कहा कि आप मुझसे जो करने को कह रहे हैं वह गैरकानूनी है। मैंने सीएम को पत्र लिखा कि उन्होंने मुझसे जो करवाया वह गैरकानूनी है। मैंने उनसे कहा कि मैं चांसलर पद पर बने रहना नहीं चाहता क्योंकि सीएम मुझसे फिर कुछ गैरकानूनी करने के लिए कहेंगे। यह शिक्षा मंत्री नहीं, सीएम के कानूनी सलाहकार थे जो मेरे पास आए थे। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि सारा दबाव सीएमओ का था। राज्यपाल नियुक्ति प्राधिकारी हैं, जिसे वे छीनना चाहते हैं। वे 5 लोगों की चयन समिति बनाकर कन्नूर विश्वविद्यालय को संस्थागत बनाना चाहते हैं, जहां निर्णय बहुमत से लिया जाएगा। बहुमत सरकार के नामितों का है।

कन्नूर यूनिवर्सिटी में अभी कुलपति नहीं होने पर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि हम तत्काल व्यवस्था करेंगे। जैसे ही सुप्रीम कोर्ट का फैसला हमारे पास आएगा, हम तत्काल व्यवस्था करेंगे। कन्नूर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गोपीनाथ रवींद्रन ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा उनकी पुनर्नियुक्ति को रद्द करने पर कहा कि मैं समीक्षा याचिका दायर नहीं करूंगा। आदेश के आलोक में इस्तीफा अप्रासंगिक हो गया था। यह प्रक्रिया मेरे अनुरोध के बिना हुई और त्रुटियों से मुक्त प्रतीत हुई। भारत में कई कुलपतियों को इसी तरह की पुनर्नियुक्तियों का सामना करना पड़ा है। वीसी स्थिति का पहला चरण 2021 में संपन्न हुआ, उसी दिन पुनर्नियुक्ति पत्र भी आ गया।

केरल सरकार को बड़ा झटका देते हुए उच्चतम न्यायालय ने गोपीनाथ रवींद्रन को उनकी सेवानिवृत्ति के बाद कन्नूर विश्वविद्यालय का दोबारा कुलपति नियुक्त करने के केरल सरकार के फैसले को बृहस्पतिवार को रद्द कर दिया और मामले में राज्य सरकार के ‘‘अनुचित हस्तक्षेप’’ की आलोचना की। प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने रवींद्रन को पद पर दोबारा नियुक्त करने के कुलाधिपति और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के आदेश को गलत पाया। पीठ ने पुनर्नियुक्ति को बरकरार रखने वाले केरल उच्च न्यायालय की एकल और खंडपीठ के फैसले को रद्द कर दिया।

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