Kannauj: इत्र व्यापार और औषधि खेती से जुड़ेगा ये देश, कन्नौज के वैज्ञानिक देंगे ट्रेनिंग

अंजली शर्मा/कन्नौज: कन्नौज का यह प्रशिक्षण केंद्र दिन प्रतिदिन अब नई ऊंचाइयों को छू रहा है. जिससे यहां के इत्र व्यापार के साथ-साथ देश को भी काफी लाभ मिल रहा है. ऐसे में नेपाल सरकार की तरफ से सुगंध और सुरस विकास केंद्र कन्नौज से एक अनुबंध किया गया है कि यहां के वैज्ञानिक नेपाल के गांव में उद्यमी और किसानों को कन्नौज के इत्र और औषधि खेती के बारे में जानकारी देंगे. ऐसे में अब नेपाल में भी कन्नौज के इत्र और औषधि चीजों की खुशबू मिलेगी.

एफएफडीसी के प्रधान निदेशक डॉक्टर शक्ति विनय शुक्ला ने बताया कि कई देशों में कन्नौज के इत्र और औषधि तेलों की अच्छी खासी डिमांड है. इससे नेपाल सरकार कन्नौज के इत्र की मुरीद हो गई. नेपाल सरकार अपने देश के ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की आर्थिक हालत में सुधार और बदलाव लाने के लिए यह योजना बनाई है. इससे एफएफडीसी के वैज्ञानिक और विशेषज्ञ वहां के लोगों को प्रशिक्षित कर खेती और इत्र कारोबार कैसे करना है उसके बारे में बताएंगे.

नेपाल सरकार हुई मुरीद
पूरे विश्व में आज कन्नौज के इत्र और औषधि खेती का डंका बज रहा है. पूरे विश्व में कन्नौज का इत्र की डिमांड अच्छी खासी रहती है. जिससे मुरीद होकर नेपाल सरकार ने अपने देश के ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की आर्थिक हालात को सुधारने और उसमें बदलाव लाने के लिए यह योजना बनाई कि उसको कन्नौज के इतर व्यापार और औषधि खेती से जोड़ा जाए ताकि हमारे यहां की भी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके.

दोनों देशों के रिश्ते मजबूत करेगा इत्र
पिछले देश की श्रेणी से ऊपर उठने के लिए नेपाल सरकार ने कन्नौज के इत्र और सुगंधित खेती के जरिए अपने यहां के किसानों और कारोबारी की आय बढ़ाने का फैसला लिया है. नेपाल सरकार ने उद्योग वाणिज्य तथा आपूर्ति मंत्रालय से ग्रामीण उद्यम तथा विप्रेषण आयोजन योजना शुरू की है. योजना के तहत सुगंध एवं सूरस विकास केंद्र से प्रशिक्षण और शोध करने का अनुबंध किया गया है. एफएफडीसी के लिए नेपाल सरकार करीब इसके लिए 5 लाख का बजट भी आवंटित किया है. इस करार से नेपाल और भारत सरकार के बीच मैत्री संबंध और मजबूत होंगे वहीं कन्नौज का इत्र नेपाल में भी महकेगा.

कब आएंगे नेपाली उद्यमी-किसान
इस अनुबंध के तहत 29 नवंबर से लेकर 11 दिसंबर तक नेपाल से आने वाले उद्यमी और किसानों को सुगंध एवं सूरस विकास केंद्र में इत्र कारोबार पुष्पी और औषधि खेती करने का प्रशिक्षण यहां के वैज्ञानिकों के द्वारा दिया जाएगा.

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