बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने निवर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा उनका अपमान किए जाने के बाद उनके समर्थन में आगे आने के लिए सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया।
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख मांझी ने यह भी घोषणा की कि वह अपने ‘‘अपमान’’ के विरोध में मंगलवार को यहां प्रदर्शन करेंगे।
मांझी ने आरोप लगाया था कि पिछले हफ्ते बिहार विधानसभा के अंदर कुमार ने यह कहकर उन्हें ‘‘अपमानित किया था कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाना उनकी ‘‘मूर्खता’’ थी।
मांझी ने कहा, ‘‘अपने संबोधन के दौरान मेरे साथ हुए दुर्व्यवहार का मुद्दा उठाने के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभारी हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री दिवंगत राम विलास पासवान या मेरे जैसे दलित नेताओं के प्रति नीतीश कुमार की कठोरता के प्रति हमेशा संवेदनशील रहे हैं।’’
बिहार विधानसभा में राज्य सरकार द्वारा बढ़ाए गए आरक्षण के प्रावधान वाले विधेयक पर चर्चा के दौरान जनता दल (यूनाइटेड) (जद-यू) नेता ने मांझी को याद दिलाया था कि हम प्रमुख को मुख्यमंत्री के रूप में अपना संक्षिप्त कार्यकाल देना उनकी ‘‘मुर्खता’’ थी।
मांझी ने यह भी कहा, ‘‘पटना उच्च न्यायालय के निकट बाबा साहेब आंबेडकर की प्रतिमा के सामने कल मौन प्रदर्शन किया जाएगा। इसे विभिन्न दलित संगठनों द्वारा किया जा रहा है, जो मेरी पीड़ा से सहमत हैं। मैं भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहूंगा।’’
मांझी मई, 2014 में मुख्यमंत्री बने थे, जो उस समय जद (यू) में थे, तब कुमार ने लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद छोड़ दिया था।
मांझी का नौ महीने का शासन कई विवादों से घिरा रहा, जिसके कारण अंततः उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया और उन्होंने इस्तीफा दे दिया, जिसके कारण कुमार को मुख्यमंत्री के रूप में वापस आना पड़ा, क्योंकि विधानसभा को भंग करने के उनके प्रस्ताव का उनके मंत्रिमंडल के अधिकांश मंत्रियों ने विरोध किया था।
मांझी ने इसके बाद हम का गठन किया और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सहयोगी के रूप में शुरुआत की, लेकिन 2018 में वह तब महागठबंधन में शामिल हो गए जब राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने उनके बेटे संतोष सुमन को विधान परिषद में जगह दिलाने में मदद की थी।
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मांझी राजग में लौट आए और उनकी पार्टी को जद (यू) के कोटे से चुनाव लड़ने के लिए सीटें दी गईं। नयी सरकार बनने के बाद नीतीश कुमार ने सुमन को कैबिनेट मंत्री पद से पुरस्कृत किया था।
पिछले साल जब कुमार ने राजग छोड़ दिया, तो मांझी और उनकी पार्टी ने भी उनका अनुसरण किया था और उनके ऐसा किये जाने से सुमन को अपना मंत्री पद बरकरार रखने में मदद मिली थी।
कुमार द्वारा पार्टी का जद (यू) में विलय करने के लिए कहने के बाद हम प्रमुख ने अलग होने का फैसला किया।
कुमार ने मांझी पर राज्यपाल बनने की लालच में केंद्र में शासन करने वाली भाजपा के साथ साठगांठ करने का भी आरोप लगाया है, हालांकि हम प्रमुख ने इस आरोपों से इनकार किया है।
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