Jharkhand: हेमंत सोरेन को SC से झटका, जानें उनकी गिरफ्तारी से जुड़ा पूरा मामला

New Delhi:

Jharkhand: मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसे झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमेंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी शुक्रवार को हेमेंत सोरेन की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है. शीर्ष अदालत ने उनको पहले हाईकोर्ट जाने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट में अगर मामले पर सुनवाई नहीं होती तो सर्वोच्च अदालत का दरवाजा खुला है. आपको बता दें कि कथित जमीन घोटाले में जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने हेमंत सोरेन को  31 जनवरी की रात गिरफ्तार किया था. इसके बाद हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट में खुद की गिरफ्तारी को चुनौती दी थी. 

हेमंत सोरेन ने शेयर किया भावुक वीडियो

इससे पहले हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया पर एक भावुक वीडियो शेयर किया था. हेमंत ने कहा था कि मुझे गिरफ्तारी की कोई चिंता नहीं है…मैं शिबू सोरेन का बेटा हूं. उन्होंने आगे कहा कि संघर्ष हमारे खून में है. उन्होंने मुझे उन केसों में गिरफ्तार किया, जिनका मुझसे दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ईडी की गिरफ्तारी के बाद हेमंत सोरेन ने राजभवन जाकर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. हेमंत की गिरफ्तारी के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा और गठबंधन में शामिल सभी घटक दलों ने चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुन लिया था. 

क्या है मामला

दरअसल, इस मामले की जड़ें रांची के बड़गांईं अंचल के बरितयातू इलाके में 8.50 एकड जमीन की खरीद-फरोख्त से जुड़ी हैं. ईडी ने जब इस मामले की जांच की तो राजस्व उप-निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद के मोबाइल से जमीन से जुड़े दस्तावेज मिले. पुलिस ने भानु प्रताप को दस्तावेजों में हेराफेरी कर जमीन बेचने के केस में गिरफ्तार किया था. इस केस में ईडी ने भानु प्रताप और बड़गांईं के तत्कालीन सीओ का बयान दर्ज किया. इसके बाद ईडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को समन जारी किया और अपनी संपत्ति का ब्यौरा देने को कहा. हेमंत लगातार ईडी ऑफिस जाने से इनकार करते रहे. सात बार समन जारी करने के बाद ईडी ने उनको चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वो अब भी पेश नहीं होते तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. 

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