प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज झारखंड में हैं। मोदी ने खूंटी में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 15वीं किस्त जारी की। इसके साथ ही उन्होंने ‘पीएम जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान की शुरुआत की। उन्होंने ‘विकासशील भारत संकल्प यात्रा’ को हरी झंडी दिखाई। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत संकल्प यात्रा, सैचुरेशन के सरकार के लक्ष्यों को प्राप्त करने का सशक्त माध्यम बनेगी। पीएम जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान, विलुप्त होने की कगार पर खड़ी जनजातियों की रक्षा करेगा, उन्हें सशक्त करेगा। उन्होंने कहा कि जनजातीय गौरव और संघर्ष के प्रतीक भगवान बिरसा मुंडा की गाथा हर देशवासी को प्रेरणा से भर देती है। झारखंड का कोना-कोना ऐसी ही महान विभूतियों, उनके हौसलों और अथक प्रयासों से जुड़ा है।
मोदी ने कहा कि आज झारखंड की इस पावन भूमि से दो ऐतिहासिक अभियानों की शुरुआत होने जा रही है। विकसित भारत संकल्प यात्रा, सेचुरेशन के सरकार के लक्ष्यों को प्राप्त करने का माध्यम बनेगी। उन्होंने कहा कि पीएम जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान, विलुप्त होने की कगार पर खड़ी जनजातियों की रक्षा करेगा, उन्हें सशक्त करेगा। उन्होंने कहा कि अपने अनुभवों के आधार पर मैं आज एक अमृत मंत्र आपके सामने रख रहा हूं। अगले 25 वर्षों के अमृतकाल में अगर हमें विकसित, भव्य और दिव्य भारत का निर्माण करना है, तो हमें उसके 4 अमृत स्तंभों को और मजबूत करना होगा।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि विकसित भारत के 4 अमृत स्तंभ हैं – पहला – भारत की महिलाएं, हमारी नारीशक्ति, दूसरा – भारत के किसान, हमारे पशुपालक, मछली पालक, हमारे अन्नदाता, तीसरा – भारत के नौजवान, हमारी युवाशक्ति, चौथा – भारत का मध्यम वर्ग, भारत के गरीब। इन 4 स्तंभों को हम जितना मजबूत करेंगे, विकसित भारत की इमारत भी उतनी ही ऊंची उठेगी। उन्होंने कहा कि 2014 में जब हमें आप सबने दिल्ली की गद्दी पर बैठाकर सरकार चलाने का दायित्व दिया, उस दिन से हमारा सेवाकाल शुरू हुआ है। हमारे आने से पहले भारत की एक बहुत बड़ी आबादी मूलभूत सुविधाओं से वंचित थी। देश के करोड़ों गरीबों ने इस बात की उम्मीद छोड़ दी थी कि कभी उनका जीवन बदल पाएगा। उस समय सरकारों का रवैया भी ऐसा था कि वो खुद को जनता का माई बाप समझती थी। लेकिन हमने सेवा की भावना से आपके सेवक की तरह काम करना शुरू किया।
मोदी ने कहा कि जो वंचित थे, हमने उन्हें वरीयता देना शुरू किया। जिन्हें सबसे दूर समझा जाता था, सरकार खुद चलकर उनके पास गई। जो दशकों से उपेक्षित थे, हमारी सरकार उनका संबल बनी, उनकी साथी बनी। उन्होंने कहा कि हमारे देश में 110 से ज्यादा जिले ऐसे थे, जो विकास के हर क्षेत्र में पिछड़े हुए थे। पहले की सरकार बस उनकी पहचान कर के छोड़ देती थी। इन जिलों में शिक्षा, स्वास्थ सुविधाएं दशकों से दयनीय स्थिति में थी। संयोग देखिए, इन्हीं जिलों में देश की सबसे ज्यादा आदिवासी परिवार रहते थे। मोदी ने कहा कि इन जिलों को अपने हाल पर छोड़कर भारत कभी विकसित नहीं हो सकता था। इसलिए वंचितों को वरीयता के सिद्धांत पर चलते हुए हमारी सरकार ने इन जिलों को आकांक्षी जिला घोषित किया। इन जिलों में हम शिक्षा, स्वास्थ और सड़क जैसे अनेक विषयों पर शून्य से काम शुरू करके सफलता के नए शिखर पर पहुंच रहे हैं।