रिपोर्ट- संजय सिन्हा/निरंजन कुमार सिंह
रांची. झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र के पहले दिन चंपाई सरकार ने विश्वास मत जरूर हासिल कर लिया है लेकिन इस दौरान कैबिनेट विस्तार को लेकर मंत्री पद की मांग और नहीं मिल पाने की स्थिति में नाराजगी की घंटी भी बजनी शुरू हो गई है. चंपाई सरकार का कैबिनेट विस्तार 7 फरवरी या 8 फरवरी को हो सकता है, ऐसे में मंत्रिमंडल में मंत्री पद की इच्छा को लेकर विधायकों ने अपनी राय सदन से बाहर निकलते ही मीडिया के सामने रख दी. सबसे ज्यादा मा़ंग कांग्रेस के विधायकों की तरफ से उठी है, जिन्हें मंत्री का पद चाहिए.
मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर मंगलवार को विधानसभा में सत्ता विधायकों के साथ मंत्रणा भी हुई.
मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने भी विश्वास मत हासिल करने के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि दो-तीन दिनों में मंत्रिमंडल विस्तार हो जाएगा. इस बार सरकार में 12वां मंत्री होना भी तय है. झारखंड में मंत्रिमंडल में 12 मंत्रियों का कोटा है लेकिन रघुवर सरकार तथा पिछली हेमंत सोरेन सरकार में 12वें मंत्री का पद रिक्त रहा था.
बता दें कि हेमंत कैबिनेट में कुल 11 मंत्री थे. 12 वीं जगह खाली ही रह गई. हेमंत कैबिनेट में जो चेहरे शामिल थे वो रामेश्वर उरांव, आलमगीर आलम, बादल पत्रलेख, बन्ना गुप्ता, चंपई सोरेन, जोबा मांझी, मिथिलेश ठाकुर, हफीजुल हसन, सत्यानंद भोक्ता और बेबी देवी थे. अब देखने वाली बात होगी कि चंपई सोरेन मंत्रिमंडल में इनमे से किनको एंट्री मिलती है और किसे नहीं. कई विधायकों के अंदर मंत्री पद तक पहुंचने की हसरतें उबाल मार रही है.
कुछ ऐसे चेहरे भी हेमंत मंत्रिमंडल में स्थान बनाये हुए थे, जिनकी पार्टी और सरकार के प्रति प्रतिबद्धता संदेहास्पद थी. जिनके बारे में आम रुप से यह चर्चा तेज थी कि ये चेहरे इस सरकार के साथ महज इसलिए बने हुए हैं कि क्योंकि उनके पास कुर्सी है, मंत्री का पद है, जैसे ही भाजपा की ओर से इन्हें कोई बड़ा ऑफर मिलता है, पाला बदलने में इन्हे जरा भी देर नहीं लगेगी. क्या चंपई सोरेन उन्ही संदेहास्पद चेहरों को अपने मंत्रिमंडल में रखेंगे? ये सवाल सिर्फ चंपई सोरेन का नहीं है, यह सवाल तो कांग्रेस के सामने भी खड़ी है.
जामताड़ा से कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने कहा कि मंत्री पद को लेकर उनकी दावेदारी पूरी है. उन्होंने अपने आप को एमबीबीएस डॉक्टर बताया. पर्दे के पीछे से उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री के तौर पर अपना दावा ठोंक दिया. हालांकि उन्होंने स्वास्थ्य विभाग का नाम नहीं लिया लेकिन मंत्री के तौर पर अपनी दावेदारी खुलकर जाहिर कर दी. इरफान अंसारी यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा कि कांग्रेस आलाकमान झारखंड में कांग्रेस कोटे के चारों मंत्रियों के परफॉर्मेंस से संतुष्ट नहीं है, ऐसे में नए विधायकों को मंत्री पद के लिए मौका दिया जाना चाहिए.
उन्होंने बार-बार खुद को एमबीबीएस डॉक्टर बताते हुए अपनी दावेदारी कई बार ठोकी. राजनीति में इरफान अंसारी के नजदीकी कांग्रेस विधायक उमाशंकर अकेला भी अपनी दावेदारी ठोकते नजर आए. उन्होंने कहा कि राजनीति में हर विधायक को अपनी महत्वाकांक्षा रखनी चाहिए और मंत्री पद के लिए दावेदारी ठोकने में कोई बुराई नहीं है. सदन से बाहर निकलने के बाद पिछली सरकार में मंत्री रहे ज्यादातर झामुमो के विधायक कैबिनेट विस्तार और मंत्री पद की मांग के सवाल पर चुप्पी साधे नजर आए.
मिथिलेश ठाकुर से जब यह पूछा गया कि “क्या नए मंत्रिमंडल में आपको जगह मिलेगी”, इस सवाल पर बिना जवाब दिए वो चलते बने. यही हाल पिछली सरकार में खेल पर्यटन मंत्री रहे हफीजुल हसन का भी दिखा. मिली जानकारी के मुताबिक वैसे विधायक जो दो बार विधायक रह चुके हैं, वो खुलेआम मंत्री पद को लेकर अपने दावेदारी और इच्छा आलाकमान के सामने जाहिर कर चुके हैं. ऐसे में अब चंपाई कैबिनेट विस्तार का सभी को बेसब्री से इंतजार है.
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FIRST PUBLISHED : February 6, 2024, 10:03 IST