रांची. झारखंड को आदिवासियों का राज्य कहा जाता है. जबकि राज्य में आपको आदिवासियों की एक से बढ़कर एक परंपरा और खानपान देखने को मिलेंगे. इन्हीं में से एक है इनके द्वारा पसंद की जाने वाली घोंघा की सब्जी. इस सब्जी को आदिवासी समाज के लोग बड़े चाव से खाते हैं. यह स्वादिष्ट होने के साथ पौष्टिक भी होती है. इसमें भरपुर मात्रा में प्रोटिन व विटामिन पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए काफी लाभप्रद हैं.
दरअसल घोंघा पानी में पाया जाने वाला एक समुद्री जीव है, जो नहर, तालाब और नदी के साथ-साथ खेतों में जमे पानी में भी आसानी से मिल जाता है. इसके अलावा यह बाजार में उपलब्ध होता है. इसकी सब्जी बनाने की भी खास विधि है. रांची में आदिवासी डिश के लिए प्रसिद्ध आजम एंबा रेस्टोरेंट की कुक अरुणा तिर्की ने बताया कि घोंघा की सब्जी बनाने से पहले इसे दो दिनों तक साफ पानी में छोड़ा जाता है. उसके बाद इसके सेल को स्टिक की मदद से बाहर निकालते हैं. उसके बाद अंदर से मीट निकलता है. उसी की सब्जी बनाई जाती है.
ऐसे बनाएं घोंघा की सब्जी
अरुणा तिर्की ने बताया कि सबसे पहले घोंघा के मीट को रोस्ट किया जाता है, ताकि इसकी स्मेल चली जाए. उसके बाद कढाई में तेल डालते हैं. फोरन तैयार होने के बाद मीट को प्याज से साथ पकाते हैं. पहले मसाले को भूना जाता है और फिर ग्रेवी के लिए इसमें थोड़ा पानी मिलाते हैं. उसके बाद यह सर्व करने के लिए तैयार हो जाता है. लोग इसे अपनी इच्छा के अनुसार रोटी या चावल के साथ खाते हैं.
घोंघा खाने के फायदे
घोंघा को प्रोटीन में बहुत उच्च माना जाता है. इसके अलावा विटामिन के, विटामिन बी6 और विटामिन ए समेत मैग्नीशियम, फॉसफोरस, जिंक, आयरन साथ ही लिनोलिक एसिड की भी काफी मात्रा में पाया जाता है, जो हमारे शरीर में कई समस्याओं में कारगर माने जाते हैं. वहीं, घोंघा पुरुषों और महिलाओं की फर्टिलिटी बढ़ाने में बहुत अहम भूमिका निभाता है. यदि आप में घोंघा की सब्जी खाने की इच्छा तीव्र हो रही है तो रांची के कांके स्थित कुजुर क्लीनिक के पीछे आजम एंबा रेस्टोरेंट पहुंच सकते हैं. यहां घोंघा की सब्जी 350 रुपए प्लेट मिलती है.
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FIRST PUBLISHED : December 07, 2022, 13:15 IST