Janmashtami 2023: जन्माष्टमी पर बनारस से आया वस्त्र पहनते हैं भगवान, छठी उत्सव मनाते हैं भक्त

अभिषेक रंजन/मुजफ्फरपुर. बिहार के मुजफ्फरपुर शहर के रज्जू साह लेन के पास मौजूद श्रीमुरली मनोहर राधा कृष्ण मंदिर यहां के सबसे लोकप्रिय मंदिरों में से एक है. इस मंदिर की पहचान से सभी वाकिफ हैं. कहा जाता है कि इस मंदिर में विराजमान भगवान भक्तों के हर कष्ट को दूर करते हैं. जिले में मनाए जाने वाले जन्माष्टमी त्योहार में सबसे लोकप्रिय इसी मंदिर की जन्माष्टमी पूजा है. यहां न सिर्फ भगवान का जन्मोत्सव मनाया जाता है, बल्कि भगवान की छठी उत्सव भी मनाई जाती है.

पुजारी रवि झा ने न्यूज 18 लोकल से बताया कि इस मंदिर की स्थापना वर्ष 1931 में मुजफ्फरपुर के प्रसिद्ध सवर्णकार रज्जू साह ने की थी. इसके बाद से ही यहां दूर-दूर से भक्त आने लगे. वो कहते हैं कि हर साल जन्माष्टमी पर भगवान श्री कृष्ण के लिए बनारस से विशेष वस्त्र मंगाया जाता है. मंदिर में मौजूद भगवान को बनारस से लाया गया वस्त्र पहनाया जाता है. इसके बाद भगवान की विशेष पूजा-अर्चना होती है, जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं.

जन्म के साथ मनाते हैं भगवान की छठी

पुजारी रवि झा कहते हैं कि इस वर्ष जन्माष्टमी के अवसर पर मंदिरों की साज-सज्जा का विशेष ध्यान रखा जा रहा है. मंदिर को फूलों से सजाया जाएगा. उन्होंने बताया कि मुजफ्फरपुर का यह मंदिर राधा-कृष्ण पर केंद्रित है. मंदिर में जन्माष्टमी की विशेष पूजा के छह दिन बाद भव्य छठीहार समारोह का आयोजन होता है. इस दौरान विधि विधान से मंदिर में भगवान की छठी होती है. पिछले 92 साल से यह मंदिर मुजफ्फरपुर शहर की पहचान है. इस मंदिर में पूजा-पाठ करने से निःसंतान दंपति को संतान की प्राप्ति होती है.

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FIRST PUBLISHED : September 06, 2023, 09:17 IST

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