अनूप पासवान/कोरबा. इस वर्ष दूसरे अन्य त्योहारों की तरह कृष्ण जन्माष्टमी भी 2 दिन मनाई जाएगी. हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्री कृष्ण भगवान का जन्मोत्सव मनाया जाता है. द्वापर युग में भगवान विष्णु ने श्री कृष्ण के रूप में अवतार लिया था. मान्यता है कि अष्टमी तिथि के दिन रोहिणी नक्षत्र, हर्षण योग और वृषभ राशि के चंद्रमा में मध्य रात्रि के समय भगवान श्री कृष्ण ने जन्म लिया था. इसी कारण हर साल इस दिन श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है.
इस साल भी जन्माष्टमी की तिथि को लेकर थोड़ा सा असमंजस है क्योंकि इस साल दो दिन जन्माष्टमी का पर्व पड़ रहा है. ज्योतिष आचार्य पंडित अमरनाथ द्विवेदी ने बताया कि इस वर्ष अष्टमी तिथि का प्रारंभ 6 सितंबर 2023 को दोपहर 3 बजकर 37 मिनट पर होगा और 7 सितंबर 2023 को शाम 4 बजकर 14 मिनट में समापन होगा. ऐसे में जन्माष्टमी का पर्व 2 दिन मनाया जाएगा.
6 या 7 सितंबर
ज्योतिष आचार्य ने बताया कि गृहस्थ और वैष्णव श्रीकृष्ण के जन्म का उत्सव अलग अलग मनाते हैं. मान्यतानुसार पहले गृहस्थ फिर वैष्णव जन्माष्टमी मनाते हैं. इस वर्ष गृहस्थ 6 सितंबर बुधवार को गृहस्थ लोग जन्माष्टमी का पर्व मनाएंगे और वैष्णव 7 सितंबर गुरुवार को वैष्णव जन जन्माष्टमी मनाएंगे.
पूजा करने के साथ व्रत रखने का विधान
कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण की विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रखने का विधान है. मध्य रात्रि को पूजा करने के साथ भजन कीर्तन करते हैं और जन्मोत्सव मनाते हैं. इस दिन के लिए मंदिरों को विशेष तौर पर सजाया जाता है. भगवान श्री कृष्ण के बाल गोपाल के रूप की पूजा की जाती है.
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FIRST PUBLISHED : September 02, 2023, 15:37 IST