Jan Gan Man: Jaish al-Adl संगठन ने ऐसा क्या कर दिया जो Iran ने मिसाइल और ड्रोन से Pakistan पर हमला कर दिया

iran attack in pakistan

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हम आपको बता दें कि ईरान बार-बार कहता रहा है कि जैश-अल-अदल आतंकवादी समूह उसके सुरक्षाबलों पर हमले करने के लिए पाकिस्तान की भूमि का इस्तेमाल कर रहा है और बलूचिस्तान के सीमावर्ती शहर पंजगुर में इसके ठिकाने हैं।

ईरान ने बलूचिस्तान प्रांत में एक सुन्नी आतंकी संगठन से जुड़े ठिकानों को निशाना बनाकर हवाई हमले किए तो पूरी दुनिया हैरान रह गयी और खुद पाकिस्तान में भी हड़कंप मच गया कि उसके रडारों को कैसे पता नहीं लग पाया कि ईरानी मिसाइलें आ रही हैं। पाकिस्तान हालांकि इस हमले का करारा जवाब देने की बात कह रहा है लेकिन उसके हालात देखकर लगता नहीं कि वह कागजी विरोध कार्रवाई के अलावा कुछ और कर पायेगा। जहां तक पाकिस्तान के सुन्नी आतंकी संगठन की बात है तो आपको बता दें कि ईरानी समाचार एजेंसी तसनीम ने कहा, “पाकिस्तान में जैश-अल-धुल्म (जैश-अल-अदल) आतंकवादी समूह के दो प्रमुख ठिकानों को विशेष रूप से लक्षित किया गया और सफलतापूर्वक ध्वस्त कर दिया गया।” पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने हालांकि हमले वाले स्थान का उल्लेख नहीं किया लेकिन संदेह है कि ये ठिकाने बलूचिस्तान प्रांत के पंजगुर में थे। पंजगुर में स्थानीय अधिकारी हमलों को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं। कुछ लोगों ने माना कि मिसाइल हमलों में एक मस्जिद को भी निशाना बनाया गया जिससे इसे आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा और कुछ आम लोग घायल हो गए।

हम आपको बता दें कि ईरान बार-बार कहता रहा है कि जैश-अल-अदल आतंकवादी समूह उसके सुरक्षाबलों पर हमले करने के लिए पाकिस्तान की भूमि का इस्तेमाल कर रहा है और बलूचिस्तान के सीमावर्ती शहर पंजगुर में इसके ठिकाने हैं। जैश अल-अदल या ‘आर्मी ऑफ जस्टिस’ 2012 में स्थापित एक सुन्नी आतंकवादी समूह है जो पाकिस्तान में पैर जमाए हुए है। अमेरिका के राष्ट्रीय खुफिया निदेशालय के अनुसार, जैश-अल-अदल सिस्तान-बलूचिस्तान में “सबसे सक्रिय और प्रभावशाली” सुन्नी आतंकवादी समूह है। ईरान के गृह मंत्री अहमद वाहिदी के अनुसार, पिछले महीने, दक्षिण पूर्वी प्रांत सिस्तान-बलूचिस्तान में एक थाने पर रात में हुए हमले में कम से कम 11 ईरानी पुलिस अधिकारी मारे गए थे। उन्होंने इस घटना के लिए जैश अल-अदल को जिम्मेदार बताया था। इसके अलावा उन्होंने दावा किया था कि जैश के आतंकवादी पंजगुर के पास पाकिस्तान की ओर से सिस्तान में दाखिल हुए थे। देखा जाये तो ईरान ने सीमावर्ती इलाकों में आतंकवादियों के खिलाफ तो हमेशा लड़ाई लड़ी है, लेकिन पाकिस्तान पर ईरान का मिसाइल और ड्रोन हमला अभूतपूर्व है।

हम आपको यह भी याद दिला दें कि 3 जनवरी को ईरान के करमन शहर में दोहरे आत्मघाती बम विस्फोट हुए थे जिसमें 80 से अधिक ईरानी मारे गए थे। उस हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने ली थी। मगर ईरान मानता है कि हमलों के पीछे जैश अल-अदल का भी हाथ है इसलिए उसने इसके ठिकानों पर हमला बोला।

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