Jammu-Kashmir: INDI गठबंधन में दरार, फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के बीच आर-पार

इंडिया गठबंधन के तहत एक साथ होने का दम भरने वाले नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती में अब कहीं ना कहीं दरार दिखती हुई दिखाई दे रही है। तभी तो दोनों एक दूसरे पर निशाना साधने का मौका नहीं छोड़ रहे हैं। महबूबा मुफ्ती ने जहां आज गुपकर डिक्लेरेशन को लेकर नेशनल कांफ्रेंस पर निशाना साधा। तो वहीं फारूक अब्दुल्ला ने भी इसको लेकर महबूबा पर पलटवार किया है। कहीं ना कहीं यह पूरी तरीके से दरार अब साफ तौर पर दिखने लगी है। 

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के बयान पर नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि उन्होंने जो कहा है उस पर मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता. नेशनल कॉन्फ्रेंस अपने पैरों पर खड़ी है…उसे इससे शिकायत क्यों होनी चाहिए। अगर हम इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं, तो वे भी गठबंधन का हिस्सा हैं। यदि नेशनल कॉन्फ्रेंस के तीन लोग जीतते हैं, तो वे इंडिया गठबंधन के लिए जीतेंगे। तो समस्या क्या है।

इसके साथ ही फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मुझे यकीन है कि इंडिया गठबंधन हमेशा बढ़ेगा, यह भारत के भविष्य के लिए है। यह लोकतंत्र चाहता है, एक धर्मनिरपेक्ष भारत चाहता है जहां हम सभी शांति, सद्भाव और प्रगति के साथ रह सकें। भारत सभी के लिए है। भारत पाकिस्तान नहीं है… हम भारत का हिस्सा हैं।”

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने नेशनल कॉन्फ्रेंस पर गठबंधन को मजाक में बदलने का आरोप लगाया। यह बयान आगामी लोकसभा चुनावों के लिए सीट बंटवारे की व्यवस्था पर असहमति के बीच आया है। यहां पार्टी कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस का निर्णय निराशाजनक था।ए नसी ने घोषणा की थी कि पार्टी कश्मीर घाटी में सभी तीन सीटों पर चुनाव लड़ेगी। घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुफ्ती ने कहा कि अगर नेशनल कॉन्फ्रेंस ने उनसे सलाह ली होती तो उनकी पार्टी, जो घाटी से एक सीट चाहती थी, वह सीट उनके लिए छोड़ देती। मैं निराश हूं क्योंकि फारूक अब्दुल्ला हमारे साथ हर छोटे मुद्दे पर चर्चा करते थे। आज उन्होंने इतना बड़ा फैसला लेते हुए कहा कि पीडीपी गठबंधन में कहीं नहीं है।  

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।



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