Jammu-Kashmir में तीन Hybrid Terrorists गिरफ्तार, सुरक्षा बलों को मिली बहुत बड़ी कामयाबी

Hybrid Terrorist

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डीजीपी ने बताया कि हमले की साजिश पाकिस्तान स्थित आतंकवादी अर्जुमंद उर्फ हमजा बुरहान ने रची थी जो एक स्थानीय आतंकवादी दानिश अहमद मल्ला के संपर्क में आया था। स्वैन ने संवाददाताओं से कहा, ‘पुलिसकर्मी पर हमले में शामिल ‘हाइब्रिड’ आतंकवादियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।’

जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर शहर के बेमिना इलाके में पिछले सप्ताह एक पुलिसकर्मी पर हुए हमले में शामिल तीन ‘हाइब्रिड’ आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया है। हम आपको बता दें कि ‘हाइब्रिड’ आतंकवादी वे होते हैं जो हमले करते हैं और फिर वापस नियमित जीवन जीने लगते हैं। जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आर.आर. स्वैन ने तीन आतंकवादियों की गिरफ्तारी के बारे में जानकारी देते हुए बताया है कि कॉन्स्टेबल मोहम्मद हाफिज चक पर नौ दिसंबर को उस समय हमला हुआ था जब वह अपनी ड्यूटी करने के बाद घर लौट रहे थे। डीजीपी ने बताया कि हमले की साजिश पाकिस्तान स्थित आतंकवादी अर्जुमंद उर्फ हमजा बुरहान ने रची थी जो एक स्थानीय आतंकवादी दानिश अहमद मल्ला के संपर्क में आया था। स्वैन ने संवाददाताओं से कहा, ‘पुलिसकर्मी पर हमले में शामिल ‘हाइब्रिड’ आतंकवादियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।’

उन्होंने कहा, ‘कॉन्स्टेबल मोहम्मद हाफिज चक हमले में सौभाग्य से बच गए। हम आशा और प्रार्थना करते हैं कि वह जल्द स्वस्थ होकर वापस आएं। जहां तक हमलावरों का सवाल है, उन्होंने अपना काम कर दिया। छह गोलियां चलाई गईं जिनमें से तीन उन्हें (पुलिसकर्मी को) लगीं और तीन गोलियों का निशाना चूक गया।’ स्वैन ने कहा कि मल्ला ने दो ‘हाइब्रिड’ आतंकवादियों इम्तियाज खांडे और मेहनान खान की भर्ती की थी। दानिश अहमद मल्ला पुलिसकर्मी के ही इलाके में रहता था। उन्होंने कहा, “आतंकवादी पिस्तौल हासिल करने में कामयाब रहे और उन्होंने हमला करने से पहले कई दिनों तक उसका (पुलिसकर्मी का) पीछा किया। गोलियां चलाने वाले इम्तियाज खांडे के बयान के आधार पर हमले में इस्तेमाल की गई पिस्तौल (कैनिक टीपी9) बरामद कर ली गई है।’’ 

डीजीपी ने बताया कि मेहनान खान के पास से एक अन्य पिस्तौल बरामद की गई जबकि मल्ला के पास से 57 गोलियां मिली। स्वैन ने कहा कि पूछताछ के दौरान आतंकवादियों ने खुलासा किया कि उन्होंने उन लोगों की एक सूची तैयार की है जिन्हें उसे निशाना बनाना है। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने हमलों का निशाना बनाने के लिए कुछ लोगों के नाम तय कर लिए थे जबकि अन्य लोगों की पहचान की जा रही थी। उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवादियों के निशाने पर ज्यादातर पुलिसकर्मी थे लेकिन कुछ गैर-पुलिसकर्मी उनके निशाने पर थे।’

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