सांकेतिक तस्वीर
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जालौन में जिला जेल में 14 वर्ष पहले मुख्तार अंसारी गैंग के सदस्य प्रिंस अहमद और उसके साथी की हत्या मामले में तत्कालीन जेलर समेत सात पुलिस कर्मियों व सात बंदियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। जिला न्यायाधीश लल्लू सिंह की अदालत ने दोषियों पर एक-एक लाख रुपये अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड अदा न करने पर दोषियों को अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
शासकीय अधिवक्ता लखनलाल निरंजन ने बताया कि चुर्खी थाना क्षेत्र के औता गांव निवासी अयूब खान ने 28 मार्च 2010 को तहरीर दी थी। उसने बताया था कि उसका बेटा नाजिर तीन साल से जिला कारागार उरई में बंद था। तीन वर्ष से जेल कर्मचारी व कुछ बंदी उसके बेटे से अवैध वसूली करवाते थे। जो बंदी रुपये नहीं देता तो उसे मारापीटा जाता और ज्यादा काम भी करवाया जाता था। जेल स्टाफ राजकुमार निपेंद्र, राम औतार, अनिल शर्मा के साथ डिप्टी जेलर जी मिश्रा, तत्कालीन जेलर नत्थू सिंह, जेल अधीक्षक अविनाश गौतम सभी बंदियों से अवैध वसूली करवाते थे।