
sansad tv
राज्यसभा ने विपक्ष ने नेता खड़गे ने कहा कि आप भूमि पुत्र हैं, संसदीय परंपराओं को आप बखूबी समझते हैं। राजस्थान विधानसभा और पश्चिम बंगाल में राज्यपाल रहे हैं। पढने लिखने में आपकी रूची है, आपकी रूपरेखा बेहद बड़ी है। उन्होंने कहा कि देश के दूसरे सबसे बड़े संवैधानिक पद की जिम्मेदारी लेने के लिए मैं विपक्ष के सदस्यों की ओर से आपको बधाई देता हूं।
राज्यसभा में आज सभापति के तौर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपना कामकाज संभाल लिया है। राज्यसभा में उनका स्वागत भी किया गया। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने वक्तव्य में जगदीप धनखड़ की जमकर तारीफ की है। इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी अपना संबोधन दिया इस दौरान मलिकार्जुन खरगे ने जगदीप धनखड़ से साफ तौर पर कहा कि मेरे बारे में कोई राय मत बनाना ग़ालिब मेरा वक़्त भी बदलेगा मेरी राय भी बदलेगी। खड़गे ने आगे कहा कि मैं कहना चाहता हूं कि राज्यसभा के संरक्षक के रूप में आपकी भूमिका बाकी भूमिकाओं से काफी बड़ी हैं। आप जिस आसन पर बैठे हैं उसपर कई गणमान्य लोग बैठ चुके हैं।
राज्यसभा ने विपक्ष ने नेता खड़गे ने कहा कि आप भूमि पुत्र हैं, संसदीय परंपराओं को आप बखूबी समझते हैं। राजस्थान विधानसभा और पश्चिम बंगाल में राज्यपाल रहे हैं। पढने लिखने में आपकी रूची है, आपकी रूपरेखा बेहद बड़ी है। उन्होंने कहा कि देश के दूसरे सबसे बड़े संवैधानिक पद की जिम्मेदारी लेने के लिए मैं विपक्ष के सदस्यों की ओर से आपको बधाई देता हूं। आज हमें राज्यसभा के अध्यक्ष के रूप में आपका स्वागत करने का अवसर मिला है। राज्यसभा को विचारों का सदन कहा जाता है। वहीं, राज्यसभा में जद (एस) सांसद एचडी देवेगौड़ा ने कहा कि मैं इस सदन का एकमात्र सदस्य हूं जिसका पिछले 20 वर्षों का कड़वा अनुभव रहा है। बोलने का मौका मिलना बहुत मुश्किल है। दोनों सदनों का फैसला कि एक भी सदस्य 2-3 मिनट (बोलने के लिए) से ज्यादा नहीं ले सकता, यह एक कड़वा अनुभव है।
इससे पहले नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं इस सदन के साथ-साथ राष्ट्र की ओर से सभापति को बधाई देता हूं। आप संघर्षों के बीच जीवन में आगे बढ़ते हुए इस मुकाम पर पहुंचे हैं, यह देश के कई लोगों के लिए प्रेरणा है। आप सदन में इस महती पद की शोभा बढ़ा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने आगे कहा था कि हमारे उपराष्ट्रपति किसान पुत्र हैं और उन्होंने सैनिक स्कूल में पढ़ाई की है। इस प्रकार वह जवानों और किसानों के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए हैं। आपको बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र बुधवार से शुरू हो गया जिसमें सरकार की कोशिश 16 नये विधेयकों एवं अनुदान की अनुपूरक मांगों को पारित कराने की रहेगी।
अन्य न्यूज़