मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने भूतपूर्व सैनिकों द्वारा आरक्षक भर्ती को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए आरक्षकों की सभी भर्तियों को याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन कर दिया है।
Jabalpur
oi-Kartik Agnihotri

एमपी
हाईकोर्ट
ने
पुलिस
आरक्षक
भर्ती
प्रक्रिया
अंतिम
निर्णय
के
अधीन
कर
दी
है।
इस
सिलसिले
में
भूतपूर्व
सैनिकों
की
ओर
से
भी
याचिका
दायर
की
गई
थी।
जिसमें
बताया
गया
कि
601
आरक्षित
पदों
में
से
सिर्फ
4
भूतपूर्व
सैनिकों
का
ही
चयन
किया
गया,
जिससे
भर्ती
प्रक्रिया
नियमों
के
उल्लंघन
की
श्रेणी
में
आती
है।
जबलपुर
हाईकोर्ट
ने
याचिका
पर
सुनवाई
करते
हुए
सरकार
अन्य
पक्षकारों
को
नोटिस
जारी
कर
जबाब
मांगा
हैं।

मप्र
हाईकोर्ट
ने
राज्य
शासन,
DGP
और
प्रोफेशनल
एग्जामिनेशन
बोर्ड
को
नोटिस
जारी
कर
एक
हफ़्ते
में
जबाब
मांगा
है।
आपको
बता
दें
कि
एमपी
में
पुलिस
आरक्षक
भर्ती
परीक्षा
2020
का
आयोजन
हुआ
था।
जिसमें
प्रदेश
के
विभिन्न
हिस्सों
से
भी
प्रतिभागी
सम्मिलित
हुए।
भर्ती
प्रक्रिया
के
हिसाब
से
रिक्त
पद
भी
आरक्षित
थे।
एग्जामिनेशन
बोर्ड
द्वारा
भर्ती
प्रक्रिया
के
वक्त
जो
नियम
और
मापदंड
निर्धारित
किए
गए,
भर्ती
में
पात्रता
रखने
वालों
का
उसी
हिसाब
से
चयन
होना
था।
भूतपूर्व
सैनिकों
ने
भर्ती
प्रक्रिया
को
चुनौती
देते
हाईकोर्ट
की
शरण
ली।
दायर
याचिका
में
बताया
गया
कि
चयन
प्रक्रिया
में
नियमों
की
अनदेखी
की
गई
है।
चयन
के
लिए
जितने
पद
आरक्षित
किए
गए
थे,
उसमें
से
सिर्फ
4
भूतपूर्व
सैनिकों
का
ही
चयन
हो
सका।
Jabalpur
News:
हाईकोर्ट
की
इजाजत
बिना
नहीं
होगी
पुलिस
आरक्षकों
की
भर्ती,
DGP
सरकार
और
अन्य
को
नोटिस
याचिका
पर
सुनवाई
के
दौरान
यह
भी
दलील
दी
गई
कि
जितने
रिक्त
पद
आरक्षित
थे,
उससे
5
गुना
उम्मीदवारों
को
सेकंड
राउंड
में
बुलाना
था।
यह
भी
आरोप
लगाए
गए
कि
भूतपूर्व
सैनिकों
के
पद
दूसरे
वर्ग
के
उम्मीदवारों
को
आवंटित
कर
दिए
गए,
जो
कि
नियम
विरुद्ध
है।
इस
मामले
के
सभी
तथ्यों
पर
गौर
करते
हुए
हाईकोर्ट
के
जस्टिस
एमएस
भट्टी
की
सिंगल
बेंच
ने
अंतरिम
आदेश
दिया।
भूतपूर्व
सैनिकों
की
ओर
से
दायर
याचिका
पर
वरिष्ठ
अधिवक्ता
एनपीएस
रूपराह
ने
पक्ष
रखा।
मामले
की
अगली
सुनवाई
15
दिसंबर
को
तय
की
गई
है।
English summary
Recruitment of police constables decision of Jabalpur High Court, hearing on petition ex-servicemen
Story first published: Tuesday, December 6, 2022, 19:36 [IST]