हाइलाइट्स
दिवंगत पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की मां आईवीएफ तकनीक से प्रेग्नेंट हुई हैं.
माार्च में सिद्धू मूसेवाला की मां चरण कौर और पिता नए बच्चे का स्वागत करेंगे.
भारत में आईवीएफ तकनीक से बच्चे पैदा करने के लिए एआरटी कानून है.
पंजाब के मशहूर दिवंगत सिंगर सिद्धू मूसेवाला की मां चरण कौर प्रेग्नेंट हैं. वे मार्च के महीने में बच्चे को जन्म देने वाली हैं. इकलौते बेटे की मौत के बाद उन्होंने प्रेग्नेंसी के लिए इन विट्रो फर्टिलाइजेशन यानि आईवीएफ तकनीक का सहारा लिया है. आईवीएफ से बच्चा पैदा करने जा रहीं चरण कौर की उम्र कोई कम नहीं है बल्कि 58 साल है. सीनियर सिटिजन होने से दो साल कम उम्र में मां बनने का केस आने पर लोगों के मन में ये सवाल है कि आखिर किस उम्र तक प्राकृतिक रूप से मां बना जा सकता है, और आईवीएफ ट्रीटमेंट से कौन सी उम्र तक प्रेग्नेंसी हो सकती है?
प्राकृतिक रूप से मां बनने की उम्र..
मेडिकल साइंस के मुताबिक प्राकृतिक रूप से मां बनने की कोई तय उम्र नहीं है लेकिन एक महिला पीरियड्स शुरू होने से लेकर रजोनिवृत्ति यानि मेनोपॉज होने तक मां बन सकती है. प्राकृतिक रूप से अगर किसी महिला के पीरियड्स चालू हैं तो वह मां बनने के योग्य है लेकिन माहवारी बंद होने के बाद उसे नेचुरली प्रेग्नेंसी नहीं ठहरती.
आईवीएफ ट्रीटमेंट से प्रेग्नेंट होने की उम्र..
हालांकि आजकल प्राकृतिक रूप से अगर कोई महिला मां नहीं बन पा रही तो उसके लिए कई विकल्प मौजूद हैं. इनमें फ्रीजिंग एग, ओवरियन रिजुविनेशन और इन विट्रो फर्टिलाइजेशन यानि आईवीएफ ट्रीटमेंट शामिल है. सफदरजंग अस्पताल नई दिल्ली में आईवीएफ सेंटर की हेड प्रोफेसर दिव्या पांडेय कहती हैं कि बायोलॉजिकली देखा जाए तो आईवीएफ ट्रीटमेंट से प्रेग्नेंसी की कोई उम्र सीमा नहीं है. नेचुरल प्रेग्नेंसी से अलग इस तकनीक से कोई भी महिला 60, 70, 80 की उम्र में भी बच्चा करने के योग्य है, हालांकि भारत का कानून इसकी इजाजत नहीं देता है.
आईवीएफ से पीरियड्स बंद होने के बाद भी प्रेग्नेंसी संभव?
डॉ. कहती हैं कि आईवीएफ ट्रीटमेंट से मेनोपॉज यानि महिलाओं में रजोनिवृत्ति होने के बाद भी प्रेग्नेंसी होती है. अगर किसी महिला के पीरियड्स बंद हो चुके हैं तो वह प्राकृतिक रूप से मां नहीं बन पाती लेकिन अगर आईवीएफ तकनीक का सहारा लेती है तो वह मां बन सकती है. मेनोपॉज प्रेग्नेंसी में बाधा नहीं बनता.
क्या है आईवीएफ तकनीक?
आईवीएफ को आम बोलचाल में टेस्ट ट्यूब बेबी या आर्टिफिशियल प्रेग्नेंसी भी कहते हैं. IVF प्राकृतिक तरीके से प्रेग्नेंसी में विफल महिलाओं के लिए गर्भधारण का एक तरीका है. जब महिला का शरीर अंडों को निषेचित करने में विफल रहता है, तो उन्हें प्रयोगशाला में निषेचित किया जाता है. इसमें महिला के शरीर से ओवम (डिंब) ले लेते हैं और पुरूष के शरीर से शुक्राणु. फिर दोनों का लैब में फर्टिलाइजेशन कराया जाता है. इससे एक भ्रूण (Embrio) बनता है जिसे महिला के गर्भाशय (Uterus) में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है.
भारत में क्या हैं नियम?
बता दें कि आईवीएफ से 60, 70 , 80 की उम्र में बच्चे पैदा किए जा सकते हैं लेकिन भारत के नियमों के अनुसार ऐसा नहीं किया जा सकता. भारत में साल 2021 में पारित किए गए कानून ‘सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (विनियमन) अधिनियम, 2021’ (Assisted Reproductive Technology (Regulation) Act, 2021) के अनुसार महिलाओं को 50 साल की उम्र तक आईवीएफ ट्रीटमेंट से मां बनने की इजाजत है. जबकि पुरुष 55 साल तक इस तकनीक से बाप बन सकते हैं.
58 में सिद्दू मूसेवाला की मां कैसे बन रहीं मां?
हालांकि भारत में 50 साल तक के नियमों के बावजूद सिद्धू मूसेवाला की मां 58 साल की उम्र में प्रेग्नेंट हैं, इसकी वजह है कि उन्होंने आईवीएफ ट्रीटमेंट भारत में नहीं बल्कि विदेश में लिया है, जहां इस उम्र में भी आईवीएफ से प्रेग्नेंसी की अनुमति है. हालांकि चरण कौर बच्चे को भारत में ही जन्म देंगी. फिलहाल वे मेडिकल टीम की निगरानी में हैं.
चरण कौर का मामला पहला नहीं
बता दें कि 50 साल से ऊपर की उम्र में आईवीएफ से मां बनने का चरण कौर का मामला ही पहला नहीं है, भारत में उससे पहले भी बुजुर्ग महिलाएं बच्चों को जन्म दे चुकी हैं. इनमे हिसार की 66 साल की भतेरी देवी, 72 साल की राजोदेवी के अलावा मेरठ की 80 साल की गजना आईवीएफ ट्रीटमेंट कराकर बच्चों को जन्म दे चुकी हैं. इनमें से ज्यादातर केस में या तो इन दंपत्तियों के बच्चे नहीं हुए, या फिर बच्चों की मौत हो गई थी.
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Tags: Health News, IVF, Pregnant woman, Sidhu Moose Wala
FIRST PUBLISHED : February 29, 2024, 19:51 IST