IT सेक्टर की नौकरी छोड़, नई तकनीक से की खेती.. खड़ा किया करोड़ों का बिजनेस

बिट्टू सिहं/सरगुजा.छत्तीसगढ़ के सरगुजा, वैसे तो कृषि क्षेत्र में पारम्परिक तरीकों से आगे है, लेकिन समय के साथ टेक्नोलॉजी तरीकों से भी खेती की ओर लगातार बढ़ रहा है. सरगुजा की पहचान धान और गन्ने से होती थी लेकिन अब बदलते टेक्नोलॉजी के दौर में फल फूल की खेती भी खूब होने लगी है. सरगुजा संभाग के रामानुजगंज जिले में ऐसे किसान हैं, जिन्होंने आईटी सेक्टर की नौकरी छोड़ खुद की कंपनी के साथ हाई टेक्नोलॉजी से फलों की खेती कर रहे हैं. इनके फार्म हाउस की फल सरगुजा ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों में भेजी जाती हैं.

रामानुजगंज के राजा तिवारी ग्राम पंचायत आरागाही में रुद्रा नर्सरी और रुद्रा एग्री जेनेटिक्स के नाम से संचालन कर रहे हैं. सैकड़ों वेराइटी के फल-फूल और औषधीय पौधे लगाकर कमाई कर रहे हैं, इसके साथ ही दूसरे शहरों में सप्लाई भी कर रहे हैं. ऑफ सीजन में फलने वाले आम की वैरायटी की खेती बागवानी में आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए कर रहे हैं. इस काम में शासन का भी सहयोग पूरा मिल रहा है. उन्होंने बताया कि आईटी सेक्टर की नौकरी छोड़कर एग्रीकल्चर के फील्ड में आया और सिजेंटा जैसी कंपनियों में काम किया.

हॉर्टिकल्चर की दिशा में काम
उन्होंने बताया कि साल 2018 में मुझे लगा कि शायद इस क्षेत्र में और काम करना चाहिए, तो अपने पांच दोस्तों के साथ मिलकर इंडो ग्रीन क्रॉप साइंस प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी शुरू की. जब मैंने देश के अलग-अलग हिस्सों में विजिट किया तो मैंने देखा कि किसान ट्रेडिशनल खेती कर रहे हैं. आज के समय में उसमें स्कोप नहीं है. कृषक बनकर अपनी उन्नति नहीं कर सकते, तो मैंने सभी को कृषक उद्यमी बनाने की कोशिश की और मैंने हॉर्टिकल्चर की दिशा में काम करना शुरू किया. मैंने देखा कि फलों की खेती में पर्याप्त मुनाफा आता है.

100 एकड़ में फ्रूट फार्मिंग स्टार्ट
मैंने 2021 में रुद्रा नर्सरी और रुद्रा एग्री जेनेटिक्स के नाम से अपना काम स्टार्ट किया. नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड जो बहुत सारी योजनाओं में सब्सिडी देती है, जिसके तहत मैंने बलरामपुर जिले में काम किया. मैंने जब यह स्टार्टअप किया तो बहुत कम रिस्पांस था. समय के साथ लगातार कामयाबी हासिल हो रही है. जिले में करीब 100 एकड़ में फ्रूट फार्मिंग स्टार्ट हो गई है. मुझे भरोसा है कि 2025 तक बलरामपुर जिले में लगभग 500 करोड़ का फ्रूट फ्लावर और वेजिटेबल कल्टीवेशन के एडवांस मेथड से मार्केट बनने जा रहा है.

युवाओं को खेती के लिए कर रहे प्रेरित
उन्होंने बताया कि राजा तिवारी ने साल 2018 में अपने पांच दोस्तों के साथ मिलकर इंडो ग्रीन क्रॉप साइंस प्राइवेट लिमिटेड के नाम से कंपनी शुरू की, धीरे-धीरे ग्रोथ करने लगी. लेकिन उन्होंने अपनी अलग राह बनाने की सोची और फिर 2021 में अपना स्टार्टअप शुरू कर दिया. अब दूसरे युवाओं को भी खेती बागवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं. राजा तिवारी क्षेत्र के युवाओं को खेती बागवानी करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. उमाशंकर सोनी ने अपनी बैंक की नौकरी छोड़कर कृषक उद्यमी बनने का फैसला किया और ग्राम पंचायत लुरगी में पांच एकड़ में स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं. उन्होंने स्ट्रॉबेरी के एक लाख तीस हजार पौधे लगाए हैं. उन्हें अच्छा मुनाफा होने की उम्मीद है.

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