Israel Hamas War: गाजा में इजरायली सैनिकों के लिए जानलेवा बना ये अदृश्य दुश्मन, एक्सपर्ट भी नहीं ढूंढ पा रहे बचाव

Israel Hamas War Latest News: गाजा में घुसकर हमास के आतंकियों के खिलाफ युद्ध कर रहे इजरायली सैनिकों को एक और जंग भी लड़नी पड़ रही है. इजरायल के डॉक्टरों का कहना है कि गाजा के अभियान में लगे कई सैनिक पेट की एक गंभीर बीमारी से पीड़ित हो गए हैं, जिसे वे “शिगेला” कहते हैं. उनका कहना है कि साफ-सफाई के खराब माहौल और युद्ध क्षेत्र में असुरक्षित भोजन के कारण यह बीमारी फैल रही है.

इजरायली सैनिकों के बीच कैसे फैला शिगेला?

इजरायल के असुता अशदोद यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के संक्रामक रोग इकाई के निदेशक डॉ. ताल ब्रॉश ने इस बीमारी के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि इज़राइल रक्षा बलों के डॉक्टरों ने गाजा के अभियान में लगे सैनिकों में पेट से जुड़ी इस गंभीर बीमारी की रिपोर्ट दी है.

भोजन की वजह से फैल रही बीमारी

डॉ ब्रोच का कहना है कि इस बीमारी के फैलने का एक स्पष्ट कारण वह भोजन है, जो इज़रायली नागरिकों द्वारा पकाया जाता है और गाजा में तैनात सैनिकों को भेजा जाता है. यह भोजन शिगेला और हानिकारक बैक्टीरिया से दूषित हो जाता है. परिवहन के दौरान इस भोजन को ठंडा भी नहीं किया जाता है, जिसके चलते बैक्टीरिया इसमें बने रहते हैं और जब उस भोजन का सेवन किया जाता है तो सैनिक बीमार पड़ जाते हैं. 

बैक्टीरिया बना रहा सैनिकों को बीमार

डॉ ब्रोच कहते हैं कि एक बार जब सैनिकों को दस्त हो जाता है तो वे बैक्टीरिया तेजी से अपना प्रसार करते हैं और दूसरे सैनिक भी बीमार हो जाते हैं. वे कहते हैं कि इस बीमारी का एकमात्र बचाव ये है कि भोजन को हमेशा डिब्बाबंद करके ही भेजना चाहिए. साथ ही वह प्रोटीनयुक्त और सूखे मेवे हों तो बेहतर रहेगा. 

शिगेला क्या है? 

शिगेला बैक्टीरिया का एक प्रकार है. जब यह शरीर के अंदर प्रवेश होता है, तो पेचिश का कारण बनता है जिसे “शिगेलोसिस” कहा जाता है. इसके लक्षणों में बुखार, खूनी या लंबे समय तक रहने वाला दस्त, पेट में गंभीर ऐंठन या निर्जलीकरण शामिल है. जिन लोगों का स्वास्थ्य ख़राब होता है या ऐसे लोग जिनकी एचआईवी जैसी बीमारियों की वजह से प्रतिरक्षा प्रणाली कमज़ोर होती है, वे लंबे समय तक इस लक्षण से पीड़ित रह सकते हैं. अगर इस बीमारी का समय से इलाज न हो तो मरीज की जान भी जा सकती है. 

इन लोगों पर सबसे ज्यादा खतरा

डॉक्टर ब्रोच कहते हैं कि एक बार जब बैक्टीरिया रक्तप्रवाह में प्रवेश कर जाता है तो जान जाने का खतरा बढ़ जाता है. खासकर वे बच्चे, जो कुपोषित हैं या जिन्हें एचआईवी, मधुमेह या कैंसर है, वे यह रोग लगने पर बहुत असुरक्षित हो जाते हैं. अमेरिकी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार, शिगेला किसी भी संक्रमित मल के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संपर्क के माध्यम से “आसानी से” फैल सकता है. इसलिए ऐसे मरीज को आइसोलेशन में रखकर इलाज किया जाता है. 

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