इजरायल और हमास के बीच जंग जारी है. इस जंग का नतीजा क्या होने वाला है यह भविष्य के गर्भ में छिपा हुआ है. ये बात अलग है कि इजरायल ने कसम खाई है कि हमास के खात्मे तक हम रुकने वाले नहीं हैं. इन सबके बीच अमेरिका का कहना है कि पूरे मामले का शांति से निपटारा जरूरी है. मिडिल ईस्ट के इलाके में तनाव किसी के लिए भी अच्छा नहीं है. इन सबके बीच अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन एक बार फिर दौरा करने वाले हैं. दौरे से ठीक पहले अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने बड़ी बात कही है.
अमेरिका के हाथ में रास्ता
मैथ्यू मिलर ने कहा कि अमेरिका का नजरिया साफ है जिसका जिक्र भी सार्वजनिक रूप से कर चुके हैं. हम चाहते हैं कि एक स्वतंत्र फिलिस्तीन की स्थापना हो. अमेरिका की नीति भी पहले से इस मुद्दे पर स्पष्ट थी और बाइडेन प्रशासन की भी नीति वही है. आपने हमारे विदेश मंत्री को सुना भी होगा.अभी इजरायल- फिलिस्तीन के मुद्दे पर आंतरिक तौर पर हम किस तरह की योजना पर काम कर रहे हैं उसे तो नहीं बताया जा सकता है. लेकिन एक बात वो जरूर कहना चाहेंगे कि इस विवाद को सुलझाने के तमाम रास्ते हैं जिसकी मदद से यह विवाद सुलझाया जा सकता है. या यूं कहें कि हम मिडिल ईस्ट में शांति स्थापित करने के मकसद तक पहुंच सकते हैं. हमारे पास जितने भी विकल्प मौजूद हैं उनके जरिए मामले को सुलझाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. हालांकि वो एक बात स्पष्ट करना चाहते हैं कि नीति में किसी तरह का बदलाव नहीं है.
क्या है टू स्टेट की योजना
मिलर का कहना है कि जहां एक तरफ वो स्वतंत्र फिलिस्तीन की हिमायत करते हैं वहीं इजरायल की सुरक्षा भी जरूरी है, इजरायल को गारंटी मिलनी चाहिए कि उसके खिलाफ नापाक एक्शन नहीं होगा. इसके लिए यही रास्ता है कि हम एक ऐसे रास्ते या उपाय खोजें जिससे इस इलाके में फिलिस्तीन और इजरायल में सौहार्द और शांति बनी रहे. यह इसलिए भी जरूरी है कि कोई ऐसा काम ना हो जो यूएनआरडब्लूए के खिलाफ हो. जरूरी ये भी है कि संयुक्त राष्ट्र संघ पूरी तरह से जांच करे ताकि इस तरह की घटना कभी ना हो. हमारा यह मानना है कि इलाके में तनाव का बने रहना या बढ़ने से किसी का फायदा है. यह ना तो अमेरिका और ना ही किसी और खासतौर से ईरान के हित में हैं. लेकिन अगर हमारी डिफेंस फोर्स को किसी ने नुकसान पहुंचाने की कोशिश की तो हम उसे छोड़ने वाले भी नहीं है. इस बात को हम महीनों से दोहरा रहे हैं.