सरकार से दो दो हाथ करने वाला एकमात्र आईपीएस
अमूमन देखा जाता है कि ब्यूरोक्रेसी के अफसर सरकार की हां में हां मिलाते हैं। सरकार के निर्णय के खिलाफ कोई भी अफसर नहीं बोलते हैं लेकिन राजस्थान में एक आईपीएस ऐसे हैं जो हर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते रहे हैं। इनका नाम है पंकज चौधरी। चौधरी वर्ष 2009 बैच के आईपीएस हैं। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ चौधरी सोशल मीडिया पर पोस्ट करते रहे हैं। पिछले कई महीनों से वे मौजूदा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ ही सोशल मीडिया पर टिप्पणियां कर रहे हैं। वे अशोक गहलोत को जख्मी जादूगर करके संबोधित करते हुए विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट शेयर करते हैं।
आईपीएस के पद पर आरपीएस की नियुक्ति को बताया गैरकानूनी
पिछले दिनों राज्य सरकार ने आरपीएस अफसरों की ट्रांसफर लिस्ट जारी की। इस लिस्ट में अवनीश शर्मा को राज्य आपदा प्रतिषाद बल (एसडीआरएफ) के कमांडेंट पद पर तैनात किया गया। आईपीएस पंकज चौधरी का कहना है कि एसडीआरएफ का गठन वर्ष 2016 में किया गया। एसडीआरएफ में कमांडेंट के पद पर भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी की नियुक्ति का नियम बना था। इसके बावजूद राज्य सरकार ने नियमों की अवहेलना करते हुए आईपीएस के पद पर आरपीएस को नियुक्त कर दिया। सरकार के इस फैसले के खिलाफ पंकज चौधरी ने हाईकोर्ट में याचिका लगा दी। मामले की सुनवाई 8 सितंबर को होगी।
पूर्व मुख्यमंत्री के सचिव पर लगा चुके आरोप
आईपीएस पंकज चौधरी बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही सरकारों के कार्यकाल में चर्चित रहे हैं। पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे के शासन के दौरान उन्होंने सीएम राजे के प्रमुख सचिव तन्मय कुमार पर भी भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग के आरोप लगाए थे। पंकज चौधरी वर्ष 2013 में जैसलमेर एसपी थे। तब उन्होंने कांग्रेस नेता सालेह मोहम्मद के पिता गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट खोल दी थी जिसके बाद से गहलोत के निशाने पर हैं। वहीं चौधरी की पत्नी मुकुल चौधरी ने गहलोत के बेटे वैभव गहलोत के खिलाफ लोकसभा चुनाव भी लड़ा था।
आरपीएससी को लेकर दिए बयान से भी आए थे चर्चा में
आईपीएस पंकज चौधरी ने जुलाई 2022 में भी ट्वीट के जरिए ऐसा बयान दिया था, जिससे वो चर्चा में थे। इस ट्वीट में उन्होंने आरपीएससी में भ्रष्टाचार खत्म करने की बात कही थी। ट्वीट में उन्होंने दावा किया कि महज तीन महीने में आरपीएससी की सारी गंदगी को दूर कर देंगे। इस ट्वीट में चौधरी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को जख्मी जादूगर कह कर संबोधित किया। चौधरी ने लिखा कि ‘जख्मी जादूगर जी, आरपीएससी के सदस्य जेल से लेकर प्रायः हर कार्य में लिप्त और शरीक हैं। प्रदेश के लाखों युवा दिग्भ्रमित हैं। यह सुझाव है कि मात्र तीन माह के लिए आरपीएससी का दायित्व सौंपे। प्रदेश के समस्त युवाओं संतुष्ट भी होंगे और आरपीएससी के अंदर की तमाम गंदगी भी साफ हो जाएगी। मात्र 3 माह के लिए आरपीएससी सौंपें।