Interview: हरदीप सिंह पुरी ने कहा- विकसित भारत के लिए मील का पत्थर साबित होगी जी-20 सम्मेलन

हम विकसित देश बनने की ओर बढ़ चुके हैं। इसलिए ज्यादा इंतजार करने की हमें जरूरत नहीं है। वक्त नजदीक आ चुका है। इसके लिए हमें किन मुद्दों पर ज्यादा फोकस करना है उन्हीं को जी-20 देशों के समक्ष उठाए जाएंगे।

दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित दो दिनी विश्वस्तरीय जी-20 सम्मेलन में मेजबान भारत की क्या रहेगी भूमिका? अपने हितों को लेकर कौन से मुद्दे उठाए जाएंगे। बैठक के दिनों यानी 9-10 सितंबर को कैसी रहेगी दिल्ली में हलचल। सम्मेलन सफल हो, विदेशी मेहमानों के रहते किसी तरह का कोई व्यवधान न पड़े, को ध्यान में रखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ चुनिंदा केंद्रीय मंत्रियों को व्यवस्था संभालने के लिए खासमखास जिम्मेदारियां सौंपी हैं। उन्हीं में हरदीप सिंह पुरी भी शामिल हैं। सम्मेलन की तैयारियां, बैठक में उठने वाले मुद्दों, आदि के संबंध में डॉ0 रमेश ठाकुर ने उनसे खास बातचीत की, पेश हैं बातचीत के मुख्य हिस्से।

प्रश्नः जी-20 में भारत अपने हितों के लिए कौन से मुद्दे उठाएगा?

उत्तरः हम विकसित देश बनने की ओर बढ़ चुके हैं। इसलिए ज्यादा इंतजार करने की हमें जरूरत नहीं है। वक्त नजदीक आ चुका है। इसके लिए हमें किन मुद्दों पर ज्यादा फोकस करना है उन्हीं को जी-20 देशों के समक्ष उठाए जाएंगे। उनमें विशेषकर जलवायु परिर्वन, मजबूत वित्तीय ढांचा, हरित और प्रौद्योगिक का्रंति का विकास और शौर ऊर्जा क्षेत्र में बढ़ोतरी पाना। इसके अलावा हमारे एजेंडे में लैंगिक सशक्तिकरण, समावेशी आर्थिक विकास और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी के ढांचे को और मजबूती देना। ये तभी संभव होगा, जब हमें जी-20 देशों का सहयोग मिलेगा।

प्रश्नः सभी देशों के राष्ट्राध्यक्ष पहुंच गए दिल्ली?

उत्तरः तकरीबन देशों के राष्टृण्यक्ष दिल्ली पहुंच चुके हैं। एकाध देशों के प्रमुखों का आना बाकी है। रात 12 बजे तक सभी पहुंच जाएंगे। पारंपरिक तरीकों से उनका स्वागत-सत्कार किया गया। हवाई अड्डे पर सभी सम्मानित प्रमुखों की अगवानी के लिए केंद्र की ओर से एक-एक केंद्रीय मंत्रियों को जिम्मा सौंपा है। ये ऐसा वक्त है जब हम दुनिया के समक्ष अपनी संस्कृति की तस्वीर पेश कर पाएंगे। सभी व्यवस्थाएं दुरूस्त हैं। धरती से लेकर आकाश तक सुरक्षा का अचूक पहरा है।

प्रश्नः सम्मेलन से अगर भारत के फायदे की बात करें?

उत्तरः देखिए, जी-20 के जरिए भारत ग्लोबल स्तर पर साउथ देशों के जरूरी मुद्दों का नेतृत्व करना चाहता है। इस मंच से भारत आर्थिक विकास, पर्यावरण, स्वास्थ्य, शिक्षा और कारोबार के क्षेत्र में और मजबूती चाहता है। इसके लिए सभी जी-20 देश हमारा सहयोग करें, ये प्रधानमंत्री चाहते हैं। उनके एजेंडे में है कि भारत सन-2047 तक विकसित राष्ट्र हो जाए। माहौल बन भी चुका है। शायद हम लक्ष्य से पूर्व ही ये उपलब्धि हासिल करने में सफल हो जाएं।

  

प्रश्नः जी-20 का गठन कभी मात्र वित्तीय संकट पर मंथन को लेकर हुआ था, पर अब कई मुद्दे शामिल हो गए हैं?

उत्तरः जरूरत के हिसाब से चीजें बदलती हैं। इस वक्त सबसे बड़ा मसला सुरक्षा और पर्यावरण है। दुनिया में अब जितनी भी ग्लोबल स्तर की बैठकें होती हैं या हो रही हैं। सभी में ये दो मुद्दे प्रमुखता से उठाए जा रहे हैं। बाली में आयोजित जी-20 में ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की व संयुक्त राज्य अमेरिका ने जोर देकर कहा था कि दिल्ली वाली बैठक में सबसे ज्यादा फोकस सुरक्षा और पर्यावरण पर किया जाए।

प्रश्नः ‘थीम’ क्या रखी गई है दिल्ली में आयोजित सम्मेलन की?

उत्तरः भारत में जी-20 सम्मेलन की थीम है ‘वसुदेव कुटुंबकम’ और ‘एक पृथ्वी, एक कुटुंब, एक भविष्य’। थीम्स की खुशबू प्रगति मैदान के ‘भारत मंडपम’ अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी-कन्वेंशन सेंटर में फैली रहेगी।

-डॉ. रमेश ठाकुर

लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं

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