International Study: कनाडा जाकर पढ़ना चाहते हैं, जान लीजिए जस्टिन ट्रूडो का नया तुगलकी फरमान

India Canada Row: जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) सरकार ने इंटरनेशनल स्टडी (International Study) के लिए कनाडा आने की चाहत रखने वालों की उम्मीदों को जोर का झटका धीरे से दिया है. इस फैसले का असर दुनियाभर के छात्रों पर पड़ेगा. क्योंकि अब अंतरराष्ट्रीय छात्रों को वहां रहने और पढ़ाई के लिए पहले से ज्यादा जेब ढीली करनी होगी. वहीं और मजबूत फाइनेंशियल बैकग्राउंड दिखाना होगा. कनाडा के आप्रवासन, शरणार्थी और नागरिकता मंत्री, मार्क मिलर ने इस बदलाव का ऐलान किया है. ये नया फैसला 1 जनवरी 2024 से लागू होगा.

कनाडा में पढ़ने की चाहत रखने वालों के लिए जरूरी खबर

अन्य देशों के मुकाबले कनाडा में पढ़ाई सस्ती है और रहना-खाना भी सस्ता है. अमेरिका और यूरोप की टाॅप यूनिवर्सिटी में जितनी फीस है. उसकी आधी फीस कनाडा की टाॅप यूनिवर्सिटीज में लगती है. कनाडा में पढ़ाई पर खर्च कोर्स पर निर्भर करता है. इसी तरह से रहने का खर्च एक साल में करीब एक लाख रुपए तक आता है. यहां छात्र पढ़ाई के साथ नौकरी भी कर सकते हैं. अगर स्टूडेंट्स का स्कोर अच्छा है, तो यूनिवर्सिटी उसे स्कॉलरशिप देने के साथ अन्य इंतजाम करने के लिए पाॅर्ट टाइम जाॅब करने की इजाजत भी देती है, जिससे स्टूडेंट्स अपनी पढ़ाई पर होने वाला खर्चा पानी आसानी से निकाल लेते हैं. यही वजह है कि दुनियाभर के छात्र अमेरिका की बजाय कनाडा को प्राथमिकता देते हैं.

2024 से ज्यादा पैसे का इंतजाम करना होगा

अब नए बदलाव के तहत, छात्रों को रहने और पढ़ाई की पूरी लागत के आधे हिस्से का इंतजाम पेपर्स में दिखाना होगा. जबकि पहले ये रकम छात्रों की पढ़ाई के स्तर के आधार पर तय होती थी. उदाहरण के लिए, ग्रेजुएशन के छात्रों को सालाना 10000 डॉलर का इंतजाम करना होता था. लेकिन नए नियमों के तहत अब सभी छात्रों को सालाना 15000 डॉलर का इंतजाम करना होगा.

किसे होगी परेशानी

इस बदलाव का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अंतरराष्ट्रीय छात्र कनाडा में अपने दम पर कोर्स पूरा करने में सक्षम हों. बिना किसी लाग लपेट के कहें तो ट्रूडो सरकार के इस तुगलती फरमान का मतलब ये है कि अब विदेशी छात्रों को यह साबित करना होगा कि उनके पास कनाडा में रहने और खाने और पढ़ने के लिए पर्याप्त पैसे का इंतजाम है. इन बदलावों से उन अंतरराष्ट्रीय छात्रों को परेशानी हो सकती है जिनके परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर है यानी उनके पास पर्याप्त पैसे नहीं हैं. ऐसे छात्रों को अपनी वित्तीय स्थिति मजबूत करने के लिए काम करना होगा यानी नौकरी की तलाश भी करनी होगी.

फैसले पर सफाई

अपने फैसले की सफाई देते हुए ट्रूडो के मंत्री मिलर ने कहा, ‘इस फैसले को कनाडा में अंतरराष्ट्रीय छात्रों की सफलता और भलाई सुनिश्चित करने वाले प्रोजेक्ट के तौर पर देखना चाहिए. क्योंकि 2000 के दशक की शुरुआत से, यहां पढ़ाई के लिए आने वाले एक आवेदक के लिए जीवनयापन की लागत 10000 अमेरिकी डॉलर पर स्थिर बनी हुई है. 23 सालों में कई चुनौतिया भी पैदा हुई हैं. ऐसे में जीवन यापन की बढ़ती लागत के दबाव को कम करने के लिए इंटरनेशल छात्रों की फंड लिमिट को बढ़ाकर 20635 अमेरिकी डॉलर कर दिया जाएगा.’

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