नई दिल्ली:
International Day of Acceptance 2024: हम सबके जीवन में कभी न कभी ऐसा टाइम आता है जब हमें लगता है कि उस व्यक्ति को स्वीकार करना मंजूर नहीं है. लेकिन देखा जाए तो सभ्य समाज में ये बिल्कुल भी ठीक नहीं माना जा सकता है. इसलिए किसी को भी आप वैसे ही स्वीकार करें जैसा वो हैं. चाहें उसमें कितनी ही कमियां क्यो न हो. किसी का चुनाव इस बेस पर नहीं किया जा सकता है कि वो आपके जैसा नहीं है. इन सब को देखते हुए दुनिया में अंतर्राष्ट्रीय स्वीकृति दिवस को हर साल 20 जनवरी को मनाया जाता है. जिससे समझाया जाता है कि समृद्धि, सामंजस्य और विभिन्नता का समर्थन करना हम सभी की जिम्मेदारी है. यह दिवस विश्वभर में समृद्धि और शांति की प्रेरणा प्रदान करता है. ये एक ऐसे समाज की दिशा में प्रेरित करता है जहां सभी व्यक्तियों को समानता और आपसी समझ का आनंद लेने का अधिकार हो.
अंतर्राष्ट्रीय स्वीकृति दिवस के मुख्य उद्देश्य:
विश्व शांति का प्रोत्साहन: अंतर्राष्ट्रीय स्वीकृति दिवस सामंजस्य और शांति के मूल्यों को साझा करने का माध्यम है. ये एक-दूसरे के साथ सहयोग और समझदारी को बढ़ावा देने के उद्देश्य के साथ मनाया जाता है. हम किसी को भी उसके लिंग, जाति और रंग के आधार पर भदभाव न करें. हर किसी को सामान्य तरीके से जीने का अधिकार है.
समृद्धि और विकास: यह दिवस सबको समान रूप से समृद्धि और खुश रखने की प्रेरण देता है. इससे लोगों में विश्वास बढ़ेगा साथ में समाज की तरक्की होगी. किसी का भी अनादर नहीं करना चाहिए.
मानवाधिकारों की सुरक्षा: यह दिन मानवाधिकारों के प्रति हमारे समर्पण को बढ़ावा देता है. एक समृद्ध भविष्य के लिए न्याय, समानता और इंसान होने के नाते सभी के मूल्यों की सुरक्षा का समर्थन करता है.
विभिन्नता का समर्थन: हमारा प्यारा भारत जहां सभी जाति और धर्म के लोग आपस में मिलकर रहते हैं. इस दिवस के माध्यम से हमें विभिन्न सांस्कृति, भाषा और धार्मिक परंपराओं का समर्थन करने की शक्ति देता है. हम सबको दूरदर्शी नजरों से देखना चाहिए.
अंतरराष्ट्रीय सहयोग और व्यापार को बढ़ावा: इस दिवस के माध्यम से हम दूसरे देश के साथ जुड़ सकते हैं. इसस हमें अंतरराष्ट्रीय सहयोग और व्यापार को बढ़ावा देने में मदद होगी. इसके साथ ही दूसरे देश के लोग हमारे देश की खुशहाली में भागीदार बनने की कोशिश करेंगे.
इस दिन को मनाकर हम सभी एक समर्थ और समृद्ध समाज की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं. एक-दूसरे के साथ बेहतर समझदारी और सामंजस्य की दिशा में बढ़ने का संकल्प लेकर एक आदर्श समाज को निर्माण कर सकते हैं.