Indore: इंदौर में स्वच्छता को लेकर कलेक्टर का बड़ा एक्शन, 9 कंपनियां एक साथ हुई बंद

इंदौर:  देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में कलेक्टर का बड़ा एक्शन देखने को मिला है. उन्होंने कान्ह-सरस्वती नदी में दूषित पानी मिलाने वाली नौ फैक्ट्रियों को बंद करने का आदेश जारी किया है. इस आदेश के तहत फैक्ट्रियों के विद्युत सप्लाई को भी बंद कर दिया. इस नदी की सफ़ाई के लिए प्रशासन कई समय से प्रयासरत है और इसी कड़ी में इन कंपनियों को पहले नोटिस दिया गया था और उसके बाद आज करवाई करते हुए इन्हें बंद करने का आदेश दे दिया गया.

गौरतलब है कि कान्ह-सरस्वती नदी की सफ़ाई को लेकर प्रशासन लम्बे समय से कार्रवाई कर रही है और आज इसी कड़ी में कलेक्टर ने 9 फैक्ट्रियों से लगातार दूषित पानी इस नदी में प्रवाहित करने की जानकारी के बाद फ़ैक्टरियों को बंद करने का आदेश निकाल दिया है.

पहले दिया गया था नोटिस 
बता दें कि पहले इन फैक्ट्रियों को नोटिस देकर दूषित जल की निकासी अन्य स्थान करने का बोला गया था. जिसके बाद नोटिस के बाद भी दूषित जल की की जानकारी प्रशासन को लगी और आज फैक्ट्रियों को बंद करने का आदेश दे दिया गया.

कलेक्टर ने निगमायुक्त को निर्देश 
इसके अलावा कलेक्टर ने  निगमायुक्त को निर्देश दिए कि नमामि गंगे और अमृत 2.0 योजना अंतर्गत प्रस्तावित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के साथ ही शहर में ऐसे अन्य नाले भी चिन्हांकित किए जाएं, जहां सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की जरूरत है. जो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट पहले से कार्य कर रहे हैं, उन्हें अच्छे तरीके संधारम किया जाए.

इनके खिलाफ होगी कार्रवाई
कलेक्टर आशीष सिंह ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व जिला उद्योग केंद्र के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि ऐसे सभी उद्योग जो अपशिष्ट पदार्थ और सीवेज को सीधे नदी नालों में प्रवाहित कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. इस संबंध में प्रशासन 0 टॉलरेंस का रुख अपनाएगा.

तैयार हुआ प्लान!
इस बैठक में जिला पंचायत सीईओ सिद्धार्थ जैन ने बताया कि इंदौर ग्रामीण क्षेत्र में कान्ह और शिप्रा नदी के किनारे 62 ग्राम पंचायत हैं. इस सभी पंचायत में 119 कन्युनिटी लीचपिट और 49 ग्रेवल फिल्टर लगाएं जाएंगे ताकि नदी व नालों को प्रदूषण मुक्त किया जाए.

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