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वर्ल्ड बैंक के वरिष्ठ अर्थशास्त्री ध्रुव शर्मा ने बताया कि भारत 10 साल पहले की तुलना में अब अधिक मजबूत है। पिछले 10 वर्षों में उठाए गए सभी कदम भारत को वैश्विक विपरीत दिशा में नेविगेट करने में मदद कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस साल के दौरान रुपए में सिर्फ 10 फीसदी की गिरावट आई है।
वर्ल्ड बैंक ने भारत को खुशखबरी दी है। वर्ल्ड बैंक की ओर से भारत की सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि दर को बढ़ा दिया गया है। वर्ल्ड बैंक के मुताबिक भारत की जीडीपी 2022-23 के लिए 6.9% रहेगा। पहले इसके 6.5% रहने का अनुमान जताया गया था। मंगलवार को वर्ल्ड बैंक की ओर से संशोधित रिपोर्ट जारी किया गया जिसमें कहा गया कि अमेरिका, यूरो क्षेत्र और चीन के घटनाक्रमों का असर भारत में भी देखने को मिला है। जो जानकारी दी गई है उसके मुताबिक विश्व बैंक ने भारत में मजबूत आर्थिक गतिविधियों के कारण अपने 2022-23 के सकल घरेलू उत्पाद के पूर्वानुमान को संशोधित कर 6.5% से 6.9% कर दिया है।
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वर्ल्ड बैंक के वरिष्ठ अर्थशास्त्री ध्रुव शर्मा ने बताया कि भारत 10 साल पहले की तुलना में अब अधिक मजबूत है। पिछले 10 वर्षों में उठाए गए सभी कदम भारत को वैश्विक विपरीत दिशा में नेविगेट करने में मदद कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस साल के दौरान रुपए में सिर्फ 10 फीसदी की गिरावट आई है। अन्य उभरते बाजारों की तुलना में भारत का प्रदर्शन उतना खराब नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि महामारी वर्ष के दौरान हुए संकुचन के बाद भारत की अर्थव्यवस्था में काफी मजबूती आई है। रिबाउंड की यह कहानी काफी हद तक मजबूत घरेलू मांग से प्रेरित है।
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बिगड़ते बाहरी वातावरण के बीच वित्त वर्ष 22-23 में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि में गिरावट की उम्मीद है। FY22-23 में GDP विकास दर 6.9% रहने की उम्मीद है। इसके अलावा बताया गया है कि भारत को सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक होने का अनुमान है। उभरती अर्थव्यवस्थाओं में मंदी भी भारत को एक आकर्षक वैकल्पिक निवेश गंतव्य के रूप में पेश कर सकती है। विश्व बैंक के अगस्टे तानो कुआमे ने बताया कि भारत बहुत महत्वाकांक्षी है, सरकार ने अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए कई काम किए हैं और अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाने के लिए बहुत प्रयास कर रही है।
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