Indian Air Force Day 2023 । युद्ध के लिए वायु सेना को लचीली मानसिकता विकसित करने की जरूरत: IAF Chief VR Chaudhari

प्रयागराज। भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने रविवार को कहा कि आज के जटिल और तेजी से बदलते सामरिक माहौल को देखते हुए वायु सेना को अपनी रणनीति को परिष्कृत करने, सर्वांगीण क्षमताओं को बढ़ाने और भविष्य में संभावित युद्ध लड़ने के लिए एक लचीली मानसिकता विकसित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मौजूदा भू-राजनीतिक परिदृश्य ने हमें देशज क्षमता विकसित कर आयात पर निर्भरता घटाने का एक अवसर प्रदान किया है। प्रयागराज के बम्हरौली में मध्य वायु कमान के मुख्यालय परिसर में भारतीय वायुसेना के 91वें वर्षगांठ समारोह में वायुसेना की परेड के दौरान रक्षा प्रमुख (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान, एयर मार्शल आरजीके कपूर और वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित करते हुए चौधरी ने कहा, “हमने न केवल चुनौतियों का सामना किया है, बल्कि इन चुनौतियों को अवसर में तब्दील किया है।”

उन्होंने कहा, “हमने महिला अग्निवीरों सहित अग्निवीरों के प्रथम बैच और बाद के बैच को सफलतापूर्वक वायुसेना में शामिल किया है, जो वर्तमान में बुनियादी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, जिसमें खुद सीखने पर अधिक जोर है।” चौधरी ने कहा, “अकेले इसी वर्ष भारतीय वायुसेना ने दुनियाभर में मित्र देशों के साथ आठ अभ्यास किए हैं। पहली बार, देश में ही निर्मित हल्के लड़ाकू विमानों (एलसीए) ने एक विदेशी अभ्यास में हिस्सा लिया है। देश के भीतर हम जंगलों में आग बुझाने और कई राज्यों में बाढ़ राहत कार्यों में सक्रियता के साथ शामिल रहे हैं।” वायुसेना प्रमुख ने कहा, “पिछले नौ दशकों में भारतीय वायुसेना निरंतर आगे बढ़ती रही है और इसने खुद को विश्व में सबसे उम्दा वायुसेनाओं में से एक के तौर पर स्थापित किया है, लेकिन क्या यह पर्याप्त है। अगर भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के पथ पर है, तो भारतीय वायुसेना के लिए भी सर्वोत्तम में से एक होना आवश्यक है।”

चौधरी ने कहा, “हमें प्रौद्योगिकी एवं नवप्रवर्तन में अग्रणी होने का प्रयास करना होगा। हमें अत्याधुनिक अनुसंधान, विकास एवं अधिग्रहण में निवेश करना होगा। नवप्रवर्तन को हमारे डीएनए का हिस्सा बनाना होगा, जिससे हम उभरते खतरों और चुनौतियों से आसानी से निपट सकें।” उन्होंने कहा, “हमें युद्ध क्षेत्र में प्रभुत्व कायम करने के लिए वायु, अंतरिक्ष, साइबर और जमीनी क्षमताओं को निर्बाध रूप से एकीकृत करना होगा। आप आज की जरूरतों तक खुद को सीमित न करें, बल्कि आज से परे सोचें और आपको एहसास होगा कि अभी काफी कुछ किया जाना बाकी है।” चौधरी ने कहा, “एक वायु और अंतरिक्ष सेना बनने के लिए हमें अंतरिक्ष क्षेत्र के महत्व को पहचानना होगा और हमारी अंतरिक्ष क्षमताओं को सतत विकसित करना होगा। यह दुनिया तेजी से बदल रही है और हमें आने वाली सभी नयी चुनौतियों का सामना करना होगा। हमें अनुशासन, एकता की संस्कृति निरंतर बनाए रखनी होगी और उभरते खतरों को लेकर हमेशा चौकन्ना रहना होगा।” इस मौके पर वायुसेना प्रमुख ने भारतीय वायुसेना के नये ध्वज का अनावरण भी किया।

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