India on UNSC and Russia Ukraine War: भारत ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा (UNSC) की ‘बेबसी’ को लेकर उस पर सवाल उठाया है. भारत ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच पिछले 2 साल से युद्ध जारी है. इसके बावजूद UNSC अब तक उसे हल नहीं करवा पाया है. जो उसकी क्षमता पर कई सवाल खड़े करता है. संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थाई प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि UNSC खूब पावरफुल है, इसके बावजूद वह अब तक यूक्रेन युद्ध खत्म करवाने के लिए कुछ नहीं कर पाया है. पीएम मोदी की बात दोहराते हुए कंबोज ने कहा कि यह युद्ध का दौर नहीं है और भारत यूक्रेन की स्थिति से चिंतित है. उन्होंने पुरानी संरचनाओं में सुधार का आह्वान करते हुए कहा कि 70 साल पहले बनी संस्था में अब बदलाव होना चाहिए.
‘यह युद्ध का युग नहीं है’
कंबोज ने कहा, ‘मैं प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के दावे को दोहराऊंगी कि ‘यह युद्ध का युग नहीं है. हमें अपने विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अपने साझा उद्देश्यों और इन्हें प्राप्त करने के लिए आवश्यक साझेदारी और सहयोग पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.’
यूक्रेन की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में बोलते हुए कंबोज ने कहा, ‘रूस और यूक्रेन में 2 साल से लगातार संघर्ष जारी है. ऐसे में संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश होने के नाते हमें खुद से दो जरूरी सवाल पूछने चाहिए. एक, क्या हम संभावित स्वीकार्य समाधान के करीब हैं? और यदि नहीं, तो क्यों. आखिर युद्ध रोकने के लिए UNSC प्रभावी क्यों नहीं रही है.’
‘पुरानी संस्थाओं में सुधार की जरूरत’
यूएन में भारत की प्रतिनिधि ने कहा, ‘बहुपक्षवाद को प्रभावी बनाने के लिए, पुरानी और पुरातन संरचनाओं में सुधार और पुनर्निमाण की जरूरत है. अगर ऐसा नहीं किया गया तो उसकी विश्वसनीयता हमेशा कम होती रहेगी. कंबोज ने कहा कि जब तक हम उस प्रणालीगत दोष को ठीक नहीं करते, हम समस्याओं के समाधान के लिए ऐसे ही जूझते रहेंगे.’
रूचिरा कंबोज ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों को विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए साझा उद्देश्यों पर ध्यान केंद्रित रखना चाहिए. इसके साथ ही आपस में अधिक सहयोग करने की भी कोशिश करनी चाहिए.
‘हिंसा- शत्रुता बढ़ाना किसी के हित में नहीं’
यूक्रेन में चल रहे संघर्ष में भारत का रुख स्पष्ट करते हुए कंबोज ने कहा, ‘भारत ने लगातार कहा है कि शत्रुता और हिंसा का बढ़ना किसी के हित में नहीं है. भारत ने शत्रुता को शीघ्र समाप्त करने और बातचीत और कूटनीति के रास्ते पर लौटने के लिए प्रयास करने का आह्वान किया है.’
रुचिरा कंबोज ने कहा, ‘यूक्रेन की स्थिति को लेकर भारत लगातार चिंतित है. हमने लगातार यह रुख अपनाया है कि मानव जीवन की कीमत पर कोई भी समाधान नहीं आ सकता. शत्रुता और हिंसा का बढ़ना किसी के हित में नहीं है. इसलिए हमने शुरू से ही आग्रह किया गया कि शत्रुता को शीघ्र समाप्त करने और बातचीत- कूटनीति के रास्ते पर तत्काल वापसी के लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिए.’
‘रास्ता मुश्किल तो है लेकिन असंभव नहीं’
उन्होंने आगे कहा, ‘हमने पहले भी कहा है, जिस ग्लोबल ऑर्डर की हम बात करते हैं, वह अंतरराष्ट्रीय नियमों, यूएन चार्टर और देशों की संप्रभुता- अखंडता से जुड़ा है. हमें आपसी संघर्षों और मतभेदों को दूर करने के लिए बातचीत का सहारा लेना चाहिए. यह रास्ता थोड़ा मुश्किल तो है लेकिन असंभव नहीं.’
रूचिरा कंबोज ने कहा, शांति के रास्ते पर जाने के लिए हमें कूटनीति के सभी चैनलों को खुला रखना होगा. इसके लिए सभी हितधारकों के बीच ईमानदार और व्यावहारिक जुड़ाव को बेहतर बनाने की कोशिश करनी होगी. दुनिया में आपसी संघर्षों की स्थिति न बने, हमें इस पर ध्यान केंद्रित करना होगा.
‘ग्लोबल साउथ और यूक्रेन की कर रहे मदद’
कंबोज ने कहा, ‘भारत की जी20 अध्यक्षता ने यह सुनिश्चित किया है कि विकासशील देशों के सामने आने वाली कुछ आर्थिक कठिनाइयों को जी20 एजेंडे में सबसे आगे लाया जाए और सर्वसम्मति-आधारित दृष्टिकोण के माध्यम से एक रोडमैप पर सहमति बनी. जो कर्ज का सामना कर रहे देशों के लिए समाधान भी प्रदान करता है.” संकट. आगे देखते हुए, यूक्रेन संघर्ष पर भारत का दृष्टिकोण जन-केंद्रित बना रहेगा.’
उन्होंने कहा, ‘हम यूक्रेन और ग्लोबल साउथ में आर्थिक संकट का सामना कर रहे कुछ पड़ोसियों को आर्थिक सहायता प्रदान कर रहे हैं. हमें ऐसे कदमों से बचने की जरूरत है जो बातचीत और बातचीत की संभावना को खतरे में डालते हैं.’ बताते चलें कि रूस ने 24 फरवरी 2022 को यूक्रेन पर हमला शुरू कर दिया था. सेकंड वर्ल्ड वार के बाद किसी यूरोपीय देश पर यह सबसे बड़ा हमला बन गया है. पिछले 3 वर्षों से जारी इस युद्ध का अब तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है.
(एजेंसी ANI)