Maldives Bayraktar TB2 Drone: मालदीव ने तुर्की से खरीदे गए TB 2 बेयराक्तार ड्रोन (Bayraktar TB2 Drone) को उत्तरी इलाकों में मौजूद द्वीपों पर तैनाती पर काम शुरू कर दिया है. बता दें कि TB 2 बेयराक्तार ड्रोन की इन इलाकों में तैनाती से भारत के लक्षद्वीप और कोच्चि तटों से होने वाली नौसैनिक कार्रवाइयों पर हर समय नजर रखी जा सकती है. मालदीव (Maldives) ने पहले ही चीन के जासूसी जहाजों को अपने यहां आने की अनुमति देकर भारतीय नौसेना की चिंता को बढ़ा दिया है. इन ड्रोन की तैनाती से भारत के साथ पहले से ही बढ़े तनाव में और बढ़ोतरी हो सकती है.
तुर्की के ड्रोन से भारत पर नजर
जान लें कि मालदीव ने अपनी समुद्री सीमाओं की सुरक्षा के लिए तुर्की से ऐसे 6 ड्रोन खरीदे हैं. TB 2 बेयराक्तार ड्रोन अपने बेस 300 किलोमीटर की दूरी तक कारगर ढंग से नजर रख सकता है और लगातार 27 घंटे तक 18,000 फीट की ऊंचाई से वीडियो भेज सकता है. ये ड्रोन लेजर गाइडेड रॉकेट्स, स्मार्ट बम, एंटी टैंक मिसाइल और मोर्टार दाग सकता है.
कहां तैयार हो रहा ड्रोन का बेस?
बता दें कि मालदीव ने उत्तरी इलाके के नूनू एटोल के माफारू इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इनको तैनात किया है. इसके अलावा इसी एटोल के उत्तरी हिस्से में एक ड्रोन बेस बनाना शुरू कर दिया है. एटोल एक कोरल द्वीप होता है और मालदीव में ये एटोल उत्तर से दक्षिण तक बिखरे हुए हैं. इन एटोल में 17 हवाई पट्टियां हैं जिनका इस्तेमाल ड्रोन के काम करने के लिए किया जा सकता है.
TB 2 बेयराक्तार ड्रोन की क्षमता
गौरतलब है कि माफारू एयरपोर्ट से लक्षद्वीप से मिनिकॉय द्वीप की दूरी केवल 275 किलोमीटर है. वहीं केरल तट यहां से लगभग 500 किलोमीटर दूर है. यानी यहां तैनात TB 2 बेयराक्तार ड्रोन बहुत आसानी से भारतीय नौसेना की कोच्चि या लक्षद्वीप में की गई किसी भी हरकत पर नजर रख सकता है.
भारत-मालदीव के रिश्ते
जान लें कि भारत और मालदीव के बीच तनाव पिछले साल से शुरू हुआ था. जब नवंबर में भारत विरोधी माने जाने वाले मोहम्मद मुइज्जू ने सत्ता संभाली. मुइज्जू ने अपनी पहली यात्रा भी तुर्की की ही की थी. तभी उन्होंने TB 2 बेयराक्तार ड्रोन का सौदा किया था. मुइज्जू ने मालदीव में तैनात भारतीय सैनिकों की वापसी से अपनी रणनीति की शुरुआत की.