
15 जनवरी को बसपा प्रमुख मायावती ने अपने जन्मदिन के मौके पर स्पष्ट कर दिया कि आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी अकेले चुनावी ताल ठोंकेगी.
मायावती ने लोकसभा चुनावों से पहले अकेले ही सियासी मैदान में उतरने का आखिरकार अधिकारिक एलान कर दिया. मायावती के इस एलान के बाद समाजवादी पार्टी से लेकर भाजपा के रणनीतिकार अपने-अपने नजरिए से सियासी आंकलन कर रहे हैं. हालांकि मायावती के अकेले चुनाव लड़ने से पार्टी को लोकसभा में सीटों का कितना फायदा होगा यह तो परिणाम बताएंगे. मायावती के अकेले चुनाव लड़ने का फैसला सही या गलत या फिर मायावती अकेले चुनाव लड़कर क्या बीजेपी की मदद कर रही हैं? जानिए इन सभी सवालों के जवाब….
सभी 299 एपिसोड
© 2023-24 Amar Ujala Limited

सभी नौकरियों के बारे में जानने के लिए अभी डाउनलोड करें अमर उजाला ऐप