‘INDIA की जगह भारत का हो इस्तेमाल’, BJP MP बोले- इंडिया शब्द अंग्रेजों द्वारा हमारे लिए दी गई गाली

harnath singh yadav

ANI

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत इससे पहले इंडिया का नाम बदलकर भारत करने को लेकर भी ऐसा ही बयान दे चुके हैं। मोहन भागवत ने कहा कि भले ही लोग इसे समझें या न समझें, हमें ‘इंडिया’ नहीं बल्कि ‘भारत’ कहना चाहिए। साथ ही बीजेपी सांसद नरेश बंसल ने भी इस मुद्दे को राज्यसभा में उठाया।

भाजपा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने देश का नाम ‘इंडिया’ से बदलकर ‘भारत’ करने और इसे तत्काल प्रभाव से भारतीय संविधान से हटाने का आह्वान किया है। हरनाथ सिंह यादव ने कहा कि ‘इंडिया’ शब्द का प्रयोग अंग्रेज अभिशाप के रूप में करते थे। बीजेपी सांसद ने कहा, “पूरा देश मांग कर रहा है कि हमें ‘इंडिया’ की जगह ‘भारत’ शब्द का इस्तेमाल करना चाहिए… ‘इंडिया’ शब्द अंग्रेजों द्वारा हमें दी गई एक गाली है जबकि ‘भारत’ शब्द हमारी संस्कृति का प्रतीक है…मैं चाहता हूं कि हमारे संविधान में बदलाव हो और इसमें ‘भारत’ शब्द जोड़ा जाए …।” हाल ही में विपक्ष ने अपने गठबंधन का नाम INDIA रखा है। जिसमें लगभग 28 पार्टियां शामिल हैं क्योंकि वे अगले साल के लोकसभा चुनावों में भाजपा-एनडीए को टक्कर देने की योजना बना रहे हैं।

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत इससे पहले इंडिया का नाम बदलकर भारत करने को लेकर भी ऐसा ही बयान दे चुके हैं। मोहन भागवत ने कहा कि भले ही लोग इसे समझें या न समझें, हमें ‘इंडिया’ नहीं बल्कि ‘भारत’ कहना चाहिए। साथ ही बीजेपी सांसद नरेश बंसल ने भी इस मुद्दे को राज्यसभा में उठाया।  

क्या है हरिनाथ सिंह यादव की मांग?

भाजपा के सांसद हरिनाथ सिंह यादव ने कहा, ”यह अभियान मैं नहीं चला रहा हूं, पूरा देश इसकी मांग कर रहा है। यह भावना देश के सभी हिस्सों से आ रही है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी इसे “भारत” कहने और कोई अन्य नाम इस्तेमाल न करने की अपील की है। “भारत” एक जोश भरा शब्द है। यह एक जीवंत शब्द है। यह हमें ऊर्जा देता है. इसके साथ भक्ति की भावना जुड़ी हुई है। यह सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं है।” 

मनोज झा का पलटवार

उनकी टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि भाजपा विपक्ष के I.N.D.I.A गठबंधन से चिंतित है, उन्होंने कहा, “ऐसा प्रतीत होता है कि हरनाथ सिंह को पता नहीं है कि संसद के आगामी विशेष सत्र में निजी सदस्यों के बिल पेश नहीं किए जा सकते हैं। ऐसा लगता है कि उन्होंने अधिसूचना नहीं देखा है।”

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