नई दिल्ली:
Dhruv Jurel: टीम इंडिया में मिले मौकों को कैसे दोनों हाथ से भुनाया जाता है, इसका सर्वश्रेष्ठ में से एक उदाहरण हैं युवा विकेटकीपर ध्रुव जुरेल (Dhruv Jurel). उत्तर प्रदेश के लिए खेलने वाले आगरा के ध्रुव जुरेल ने सीरीज के निर्णायक मौके पर रांची में सोमवार को खत्म हुए टेस्ट मैच (Ind vs Eng 4th Test) में संकट के समय दोनों ही पारियों में ऐसा प्रदर्शन किया, जिसे इतिहास में हमेशा याद किया जाएगा, तो वहीं विकेटकीपिंग में उन्होंने प्रबंधन का भरोसा जीता. ध्रुव ने पहली पारी में संकट के समय 90 रन बनाए, तो दूसरी पारी में बिना आउट हुए नाबाद 39 रन बनाकर गिल के साथ अहम साझेदारी निभाते हुए भारत को पांच विकेट से जीत दिलाकर सीरीज में 3-1 की अजय बढ़त दिला दी. और इस प्रदर्शन के लिए ध्रुव जुरेल (Dhruv Jurel’s become player of the match) को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया. पुरस्कार वितरण के दौरान ध्रुव ने कई पहलुओं पर राय प्रकट की
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ध्रुव ने कहा कि हालात चाहे कैसे भी हों, मैं ऐसा ही प्रदर्शन करना चाहता हूं. पहली पारी में मैंने सोचा कि मैं (पहली पारी में) जितना ज्यादा रन बनाऊंगा, दूसरी पारी में उतने ही कम रन की दरकार होगी. तब विकेट गिर रहे थे और मैं निचले क्रम के बल्लेबाजों के साथ बैटिंग कर रहा था, लेकिन मैंने उनके साथ साझेदारियां निभाईं. इसलिए वे मेरे से ज्यादा श्रेय के हकदार हैं.
ध्रुव ने कहा कि अपने पहले टेस्ट (राजकोट) में एंडरसन और वुड का सामना करना मेरे लिए काफी अच्छा रहा क्योंकि मैंने उन्हें टीवी पर देखा था. उनके खिलाफ खास रणनीति की बात पर ध्रुव बोले कि मेरा पूरा ध्यान गेंद को देखने पर था, गेंदबाज पर नहीं. युवा विकेटकीपर बोले कि गिल और मैं छोटे-छोटे लक्ष्य के बारे ममें बात कर रहे थे. हमारी रणनीति दस रन के प्रत्येक सेट का पीछा करने को लेकर हमारी एप्रोच पर थी.