भारत के सीनियर ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने साथी जसप्रीत बुमराह की प्रशंसा करते हुए कहा कि इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट में उनकी ‘बूमबॉल’ ने कमाल कर दिया और इस तेज गेंदबाज का तीनों प्रारूप की आईसीसी रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंचना बहुत बड़ी उपलब्धि है. बुमराह के गेंद से शानदार प्रदर्शन से भारतीय टीम विशाखापत्तनम में दूसरे टेस्ट में 106 रन की जीत से श्रृंखला 1-1 से बराबर करने में सफल रही. इस तेज गेंदबाज ने इंग्लैंड की पहली पारी में ‘रिवर्स स्विंग’ से बेहतरीन प्रदर्शन किया और 45 रन देकर छह विकेट झटके. इसके बाद दूसरी पारी में तीन विकेट से मैच में 91 रन देकर कुल नौ विकेट प्राप्त किये. इस प्रदर्शन की बदौलत बुमराह टेस्ट रैंकिंग सूची में शीर्ष पर पहुंच गये और वह यह उपलब्धि हासिल करने वाले पहले भारतीय तेज गेंदबाज भी बने. बुमराह ने इससे पहले वनडे और टी20 में भी शीर्ष स्थान हासिल किया था.
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अश्विन ने अपने ‘यूट्यूब चैनल’ पर कहा, ‘‘सबसे शानदार प्रदर्शन ‘बूमबॉल’ था. जसप्रीत बुमराह ने असाधारण गेंदबाजी की.” उन्होंने कहा, ‘‘वह 14 विकेट लेकर सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे और साथ ही नंबर एक टेस्ट गेंदबाज बन गये. सभी प्रारूपों में नंबर एक रैंकिंग हासिल करने वाले भारत के पहले तेज गेंदबाज. मैं उनका बड़ा प्रशंसक हूं और यह बहुत बड़ी उपलब्धि है.” अश्विन ने कहा कि दूसरे टेस्ट के चौथे दिन खिलाड़ियों में जो उत्साह और ऊर्जा थी, उससे भारत को मनमुताबिक नतीजा हासिल करने में मदद मिली.
अश्विन ने कहा, ‘‘हम चौथे दिन बराबरी पर थे, लेकिन टीम के खिलाड़ियों में शानदार उत्साह, ऊर्जा और प्रदर्शन से श्रृंखला 1-1 से बराबर करने में मदद मिली.” पांच मैच की श्रृंखला हैदराबाद, विशाखापत्तनम, राजकोट, रांची और धर्मशाला में खेली जा रही है. अश्विन ने कहा कि ज्यादातर भारतीय खिलाड़ियों ने इन स्थानों पर टेस्ट क्रिकेट नहीं खेला है. इस अनुभवी स्पिनर ने कहा, ‘‘2017 में हम आस्ट्रेलिया से धर्मशाला, रांची, पुणे और बेंगलुरु में खेले थे. आमतौर पर अगर 4-5 मैच की टेस्ट श्रृंखला होती है तो कम से कम एक या दो बड़े शहरों में होती है.”
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन इस बार यह उन स्थान पर हो रही है जो विश्व कप मैच का हिस्सा नहीं थे. ज्यादातर भारतीय खिलाड़ियों के लिए ये स्थान नये हैं. हमारी टीम में काफी खिलाड़ी हैं जो विशाखापत्तनम में प्रथम श्रेणी या टेस्ट मैच नहीं खेले हैं.” अश्विन ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि यह किसी अन्य देश में संभव है. लेकिन भारत में ऐसा संभव है क्योंकि यहां कई टेस्ट स्थल हैं. इसलिये खिलाड़ी घरेलू मैदान से परिचित नहीं होते. वे भले ही आईपीएल, टी20 या वनडे खेले हों लेकिन लाल गेंद से खेलने से निश्चित रूप से अंतर पड़ता है.”