Imran Khan ने अटक जेल के अधीक्षक के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने के लिए याचिका दायर की

वहीं, इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक और न्यायमूर्ति तारीक महमूद जहांगीर की पीठ ने तोशाखाना मामले में खान को मिली तीन साल की सज़ा को पिछले बुधवार को निलंबित कर दिया था और उन्हें पंजाब प्रांत की जेल से रिहा करने का आदेश दिया था।

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक विशेष अदालत में सोमवार को याचिका दायर कर अटक जेल के अधीक्षक के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने का आग्रह किया।
मीडिया में आई एक खबर में कहा गया है कि खान ने अटक जेल के अधीक्षक पर उन्हें फोन पर उनके बेटों से बात करने की इजाजत नहीं देने का आरोप लगाया है।
खान (70) सरकारी राज़ का खुलासा करने के आरोप में 13 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में हैं।

पिछले महीने एक निचली अदालत ने उन्हें तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में दोषी ठहराया था, जिसके बाद पांच अगस्त से वह अटक जेल में बंद हैं।
शासकीय गोपनीयता कानून के तहत दर्ज मामले पर सुनवाई करने के लिए गठित विशेष अदालत ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख को पिछले महीने उनके बेटों कासिम और सुलेमान से बात करने की इजाज़त दी थी।
‘जियो न्यूज़’ की खबर के मुताबिक, खान ने अदालत के आदेश का उल्लंघन करने के लिए अटक जेल के अधीक्षक के खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की गुज़ारिश की है।
अपनी याचिका में खान ने दावा किया है कि जेल अधिकारियों ने उन्हें उनके बेटों से फोन पर बात करने की अनुमति नहीं दी और इसका कारण बताया कि वह शासकीय गोपनीयता कानून के तहत जेल में बंद हैं।

न्यायाधीश अबु अल हसनत जुल्करनैन ने अटक जेल के अधीक्षक आरिफ शहज़ाद को नोटिस जारी किया और अदालत का आदेश लागू करने पर 15 सितंबर को रिपोर्ट तलब की है।
कथित कूट संदेश (गुप्त राजनयिक केबल) में अमेरिकी विदेश विभाग के अधिकारियों और पाकिस्तानी राजदूत असद मजीद खान के बीच पिछले साल हुई मुलाकात की जानकारी थी।
अमेरिकी मीडिया संस्थान ‘द इंटरसेप्ट’ ने कथित गुप्त संदेश की प्रति प्रकाशित की थी, जिसके बाद शहबाज़ शरीफ के नेतृत्व वाली पिछली सरकार के मंत्रियों ने इस संदेश को लीक करने का खान पर आरोप लगाया था।

वहीं, इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक और न्यायमूर्ति तारीक महमूद जहांगीर की पीठ ने तोशाखाना मामले में खान को मिली तीन साल की सज़ा को पिछले बुधवार को निलंबित कर दिया था और उन्हें पंजाब प्रांत की जेल से रिहा करने का आदेश दिया था। लेकिन वह कूट संदेश मामले में जेल में बंद हैं, क्योंकि पिछले महीने विशेष अदालत ने उनकी न्यायिक हिरासत 13 सितंबर तक के लिए बढ़ा दी थी।
जियो न्यूज़ ने अपनी खबर में यह भी बताया है कि कैसे इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार ने 2018 में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ को उनकी बीमार पत्नी से बात करने की इजाजत नहीं दी थी। वह लंदन में कैंसर से जूझ रही थीं। बेगम कुलसूम नवाज़ का सितंबर 2018 में ब्रिटेन की राजधानी में निधन हो गया था।

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