Imran Khan के इस धाकड़ नेता ने संभाली खैबर पख्तूनख्वा की कमान, सदन में दिखाए अपने तेवर, कहा- अधिकारों को छीनना जानते हैं

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पूरे सत्र के दौरान सदन इमरान खान समर्थक नारे गूंजते रहे, जेयूआई-एफ ने बहिष्कार किया। आज सीएम चुनाव के बाद अपने विजय भाषण में गंडापुर ने जोर देकर कहा कि वह स्वतंत्र क्षमता से मुख्यमंत्री बने हैं और इस बात पर अफसोस जताया कि कैसे उनकी पार्टी को 8 फरवरी के आम चुनाव में समान मैदान नहीं मिला।

जोरदार नारेबाजी के बीच खैबर पख्तूनख्वा विधानसभा ने शुक्रवार को पीटीआई के अली अमीन गंडापुर को प्रांत का 22वां मुख्यमंत्री चुना। पीटीआई नेता ने पीएमएल-एन के प्रतिद्वंद्वी इबादुल्ला खान के खिलाफ 90 वोटों से भारी जीत हासिल की। गंडापुर ने इससे पहले पीटीआई सरकार के दौरान संघीय मंत्री के रूप में कार्य किया था। उन्हें पिछले महीने जेल में बंद पार्टी के संस्थापक इमरान खान द्वारा प्रतिष्ठित पद के लिए नामांकित किया गया था। उन्होंने डेरा इस्माइल खान में एक नेशनल असेंबली सीट (एनए-44) और एक प्रांतीय सीट (पीके-113) पर चुनाव लड़ा। केपी में पीटीआई समर्थित उम्मीदवार प्रांतीय सरकार बनाने के लिए पर्याप्त बहुमत में हैं।

पूरे सत्र के दौरान सदन इमरान खान समर्थक नारे गूंजते रहे, जेयूआई-एफ ने बहिष्कार किया। आज सीएम चुनाव के बाद अपने विजय भाषण में गंडापुर ने जोर देकर कहा कि वह स्वतंत्र क्षमता से मुख्यमंत्री बने हैं और इस बात पर अफसोस जताया कि कैसे उनकी पार्टी को 8 फरवरी के आम चुनाव में समान मैदान नहीं मिला। उन्होंने कहा कि हम बदले की राजनीति नहीं करना चाहते। लेकिन साथ ही, पीटीआई नेता ने इस बात पर भी जोर दिया कि हम अपने अधिकारों को छीनना जानते हैं।  

गंडापुर ने कहा कि वह आम चुनाव में धांधली के आरोपों की जांच के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि यहां आएं और फॉर्म-45 के आधार पर जांच करें। उन्होंने कहा कि आप जिस भी निर्वाचन क्षेत्र में चाहें, वहां जांच कर सकते हैं। गंडापुर ने उग्र भाषण में कहा कि मैं पूरे प्रांत को आपके सामने रख रहा हूं।  हमें उम्मीद है कि हर लोकतांत्रिक राजनेता कहेगा कि जनादेश वापस किया जाना चाहिए क्योंकि जनादेश चुराना जनता को धोखा देने और संविधान का उल्लंघन करने के समान है। उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त के तत्काल इस्तीफे की भी मांग की और दावा किया कि पाकिस्तान का चुनाव आयोग अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रहा है। गंडापुर ने सुप्रीम कोर्ट से धांधली के आरोपों की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग गठित करने का भी आग्रह किया। 

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