IIT(ISM) के प्रोफेसर का दावाः सूर्य ग्रहण पर चंद्रमा के चारों ओर बनेगा ‘रिंग ऑफ फायर’, अद्भुत होगा नजारा

मो. इकराम/धनबाद. 15 अक्टूबर से नवरात्रि की शुरुआत होने जा रही है. इससे ऐन पहले सूर्य ग्रहण का संयोग बन रहा है. पितृ अमावस्या पर सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. सूर्य ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है. इससे सूर्य की रौशनी पृथ्वी तक ठीक से नहीं पहुंची. इसी खगोलीय घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है. वहीं, इसकी ज्योतिष गणना भी की जाती है.

14 अक्टूबर को पितृ अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. भारतीय समयानुसार ग्रहण काल 14 अक्टूबर की रात 8:34 बजे से देर रात 2:12 बजे तक रहेगा. ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक लगता है. इस दौरान किसी भी प्रकार के शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. ऐसे में लोगों में मन में दुविधा है कि भारत में यह ग्रहण दिखेगा या नहीं. इस संबंध में लोकल 18 ने झारखंड के धनबाद स्थित आईआईटी (आईएसएम) के प्रोफेसर डॉक्टर सुनील कुमार से बातचीत की.

सूर्य ग्रहण का भारत में होगा असर?
डॉ सुनील कुमार ने बताया किने बताया कि 14 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. यह एक अद्भुत संयोग है. यह ग्रहण साल 2023 का आखिरी सूर्य ग्रहण होगा. आसान भाषा में कहें तो जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है. तो सूर्य ग्रहण लगता है. उन्होंने कहा कि सूर्य ग्रहण को कभी नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए. हालांकि 14 अक्टूबर को लगने वाले सूर्य ग्रहण का भारत में कोई असर नहीं होने वाला है.

आसमान में दिखेगा अद्भुत नजारा!
सुनील कुमार के अनुसार, ग्रहण काल 14 अक्टूबर की रात 8:34 बजे से देर रात 2:12 बजे तक रहेगा. इसका पीक रात के 11:29 से 11:34 बजे तक होगा. इस दौरान चंद्रमा पूरी तरह सूर्य व पृथ्वी के बीच में रहेगा. इस 5-6 मिनट के अंतराल तक चंद्रमा के किनारों के चारों ओर सूर्य के प्रकाश की एक रिंग जैसा दृश्य दिखाई देगा. इसे रिंग ऑफ फायर कहा जाता है. उन्होंने कहा कि आसमान का यह नजारा अपने आप में बेहद अद्भुत होगा. लेकिन भारत से इसका दीदार नहीं किया जा सकेगा. वहीं भारत के बाहर कई देशों से यह स्पष्ट दिखेगा.

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FIRST PUBLISHED : October 12, 2023, 19:39 IST

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