IIT Mandi में ‘फ्रेशर्स मिक्सर’ में सीनियर छात्रों ने जूनियर्स की लगाई ‘क्लास’

IIT Mandi 72 Students Punishes For Ragging: मंडी में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) में रैगिंग के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। मैनेजमेंट ने 72 छात्रों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की है। इनमें से 10 छात्रों को छह महीने के लिए सस्पेंड भी किया गया है। ‘इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक, पिछले महीने आयोजित ‘फ्रेशर्स मिक्सर’ के दौरान रैगिंग हुई थी।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, मामला इतना बढ़ गया कि कॉलेज मैनेजमेंट ने पूरे सेमेस्टर के लिए सीनियर बैच और फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट्स के बीच बातचीत पर प्रतिबंध लगा दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि घटना 11 अगस्त की है। IIT Mandi के डायरेक्टर प्रोफेसर लक्ष्मीधर बेहरा ने 20 अगस्त को सभी छात्रों को एक ईमेल किया था, जिसमें लिखा था कि सीनियर्स ने ‘लक्ष्मण रेखा’ का उल्लंघन किया था और उनमें से 72 छात्रों को रैगिंग लेने का दोषी पाया गया।

सभी दोषियों को दी गई अलग-अलग सजा

सीनियर छात्रों को अलग-अलग स्तर की सजा दी गई है। इनमें 15 हजार रुपये का जुर्माना और 20 घंटे की सामुदायिक सेवा, 20 हजार रुपये का जुर्माना और 40 घंटे की सामुदायिक सेवा, 25 हजार रुपये का जुर्माना और 60 घंटे की सामुदायिक सेवा शामिल है। इसके अलावा कैंपस और हॉस्टल से छह महीने का निलंबन भी शामिल है।

10 ऐसे छात्र जिन्हें सस्पेंड किया गया है, उनमें तीन छात्र संगठन के पदाधिकारी हैं, जो ‘फ्रेशर्स मिक्सर’ के आयोजन के लिए जिम्मेदार थे। घटना के बाद इन तीनों को अपने पद से भी हाथ धोना पड़ा है और उन्होंने हॉस्टल भी खाली कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक, सजा पाने वाले कुछ छात्रों ने संस्थान से सजा पर पुनर्विचार की अपील की है। उन्होंने दावा किया है कि हर साल ‘फ्रेशर्स मिक्सर’ के दौरान नए छात्रों के साथ किए जाने वाले मजाक को गलत तरीके से रैगिंग समझ लिया गया है।

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अज्ञात शिकायतों के बाद की गई कार्रवाई

11 अगस्त को सीनियर छात्रों की ओर से आयोजित कार्यक्रम के संबंध में अज्ञात शिकायतों की जांच के बाद आईआईटी-मंडी ने कार्रवाई की। आधिकारिक ईमेल के अनुसार, सीनियर छात्रों ने नए बैच को अपना परिचय देने के लिए ‘फ्रेशर्स मिक्सर’ का आयोजन किया गया था। इस दौरान फर्स्ट ईयर के छात्रों को सीनियर छात्रों ने बुरा-भला कहा था और कुछ को एक कोने में खड़ा करके दंडित किया गया था।

शिकायतों पर संस्थान की जांच के दौरान, सीनियर छात्रों ने ये कहकर अपना बचाव किया था कि ये आम तौर पर हर साल ‘मिक्सर’ के दौरान नए छात्रों के साथ होने वाला हल्का मजाक था। जहां उन्हें शुरू में डराया जाता था, बाद में बताया जाता था कि यह एक मज़ाक था, लेकिन यह इस बार इसे गलत समझा गया।

पीड़ित छात्र ने घटना को लेकर क्या बताया?

रिपोर्ट के मुताबिक, घटना को याद करते हुए फर्स्ट ईयर के एक छात्र ने बताया कि सीनियर्स ने पहले हमें अपने फोन बंद करने का निर्देश दिया और फिर हमें मेज पर हाथ रखने के लिए कहा ताकि कोई भी घटना को रिकॉर्ड न कर सके। इसके बाद, एक स्लाइड का प्रदर्शन किया गया, जिसमें मिडिल फिंगर की एक तस्वीर दिखाई गई। इसके बाद, सीनियर छात्रों ने नए छात्रों पर चिल्लाना शुरू कर दिया।

एक अन्य छात्र ने बताया कि सीनियर छात्रों ने हमें मंच पर बुलाया और कुछ सवाल पूछे। ये वे सवाल थे, जो हमसे कार्यक्रम के शुरू होने से पहले Google फॉर्म में पूछे गए थे। उन्होंने हममें से कुछ को एक कोने में खड़ा कर दिया था। एक अन्य छात्र ने कहा कि हममें से कई लोग ठीक थे, लेकिन मेरे कुछ दोस्त चिल्लाने से थोड़ा सदमे में थे।

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