
Prabhasakshi
कश्मीर का बल्ला उद्योग ₹300 करोड़ का है जो 1,00,000 से अधिक लोगों को आजीविका प्रदान करता है। हम आपको यह भी बता दें कि बल्लों की बढ़ती मांग के बीच युवाओं को कारीगर के रूप में यहां काम भी मिल रहा है।
आज से भारत की मेजबानी में शुरू हो रहे आईसीसी क्रिकेट विश्व कप 2023 में कश्मीर में बने बल्ले दिखाई देंगे। हम आपको बता दें कि कश्मीर में 102 सालों से बल्लों का निर्माण हो रहा है लेकिन यह पहली बार होगा कि यहां बने बल्लों का इस्तेमाल क्रिकेट विश्व कप के मैचों में किया जाएगा। अफगानिस्तान की टीम के पास तो कश्मीर में बने बल्ले ही हैं। विश्व कप को लेकर कश्मीर के बल्ला उद्योग में खुशी की लहर भी देखी जा रही है। प्रभासाक्षी संवाददाता ने बल्ला उद्योग से जुड़े लोगों से बात कर जब उनकी राय जानी तो जीआर8 क्रिकेट बैट कंपनी के प्रबंध निदेशक 31 वर्षीय फ़ौज़ुल कबिर ने कहा कि कई अफ़ग़ान खिलाड़ी पहले ही उनके बल्लों का उपयोग कर चुके हैं। यहां के बल्ला व्यापारियों ने विराट कोहली और बाबर आज़म जैसे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटरों के भव्य पोस्टर प्रदर्शित किये हुए हैं। दक्षिण कश्मीर में राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित बल्ला निर्माण इकाइयाँ और उनके आउटलेट इस वर्ष जश्न के मूड में भी नजर आ रहे हैं। कई अन्य बैट निर्माण इकाइयों के मालिकों ने भी कहा कि इस साल मांग तीन गुना बढ़ गई है। उन्हें महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, पंजाब, दिल्ली और केरल से थोक ऑर्डर मिले हैं।
हम आपको बता दें कि कश्मीर का बल्ला पूरी दुनिया में अपनी गुणवत्ता के लिए मशहूर है। कश्मीर का बल्ला उद्योग ₹300 करोड़ का है जो 1,00,000 से अधिक लोगों को आजीविका प्रदान करता है। हम आपको यह भी बता दें कि बल्लों की बढ़ती मांग के बीच युवाओं को कारीगर के रूप में यहां काम भी मिल रहा है जिससे वह नशे आदि जैसी सामाजिक बुराइयों से दूर हो रहे हैं।
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