highlights
- ईटानगर होलोगी की पहाड़ियों पर तैयार भारत का सबसे महत्वपूर्ण एयरपोर्ट
- ड्रेगन की किसी भी चाल का भारत देगा अरुणाचल के होलोगी एयरपोर्ट से जवाब
नई दिल्ली:
Hollongi Airport : प्रकति की वादियों में बसा अरुणाचल प्रदेश सालों से बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए तरस रहा था. चीन ने हमेशा से इसका फायदा उठाने की कोशिश की और वह घुसपैठ करके अरुणाचल प्रदेश को अपना बताता रहा. लेकिन, अब चीन की किसी भी चाल का जवाब देने के लिए अरुणाचल प्रदेश को तैयार किया जा रहा है. इस कड़ी में भारत ने होलोंगी एयरपोर्ट को तैयार कर लिया है, जिसका उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी नवंबर के पहले सप्ताह में कर सकते हैं.
ये एयरपोर्ट न सिर्फ अरुणाचल प्रदेश के लोगों के लिए बेहतर साबित होगा, बल्कि भारतीय सेना को चीन को सबक सिखाने में बहुत मदद मिलने वाली है. डोकलाम ट्राइएंगल से लेकर चीन अरुणाचल प्रदेश की सीमा के अंदर कब्जा जमाने की हमेशा से कोशिश करता रहा है. चीन ने अरुणाचल की LAC के करीब बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है, ताकि भारत को घेरा जा सके.
लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर चीन ने अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं, चीन न सिर्फ अरुणाचल प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ा रहा है, बल्कि एलएसी से महज 8 किलोमीटर की दूरी पर चीनी सेना ने अपनी अतिरिक्त बटालियन को उतार दिया है. यही चीनी सेना की कंबाइंड आर्म ब्रिगेड है.
यही नहीं टारगेट करने के लिए अरुणाचल प्रदेश के दूसरे छोर पर चीन करीब 200 गांवों को खाली करवा कर उसे अपने कैंपों में तब्दील कर रहा है, जिससे चीन के इरादों को समझा जा सकता है. न्यूज नेशन आपको आज बताएगा कि आखिर अरुणाचल प्रदेश को लेकर चीन किस तरह की चाल चल रहा है और भारत कैसे चीन को मुंहतोड़ जवाब दे रहा है?
सिक्किम से लेकर अरुणाचल प्रदेश चीन से भारत की जुड़ीं 3000 km से ज़्यादा की दूरी का बॉर्डर लाइन पर हमेशा से चीन टेंशन करता है, जिसका भारत हमेशा तगड़ा जवाब भी देता है. भारत चीन के साथ करीब 3488 किलोमीटर का बॉर्डर साझा करता है, इनमें 5 प्रदेश शामिल है. जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश इन सभी प्रदेशों की सीमाओं पर चीन अपनी सेना के मूवमेंट को बढ़ा रहा है.
इसलिए, भारत भी मेगा प्रोजेक्ट्स के ज़रिए अपनी सीमाओं की न सिर्फ सुरक्षित कर रहा है, बल्कि बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर का डेवलपमेंट कर रहा है, जिसमें सबसे बड़ी जीत होलोंगी एयरपोर्ट की शुरुआत होने से हो रही है.
होलोंगी एयरपोर्ट ईटानगर से 25km की दूरी पर स्थित है. इस एयरपोर्ट को 645 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है. होलोंगी एयरपोर्ट टेबल टॉप एयरपोर्ट है, जिसकी लंबाई करीब 2.5km की है, जिसपर यात्री विमान की लैंडिंग एयर टेक ऑफ टेस्ट हो चुका है. ये एयरपोर्ट आर्मी मूवमेंट के लिए बहुत मददगार साबित होने वाला है.
वहीं, अरुणाचल प्रदेश में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है. भारत का पहला राजमार्ग अरुणाचल प्रदेश में मैकमोहन लाइन के साथ चीन के दरवाजे पर प्रस्तावित है, जो कुल 3,488 बॉर्डर लाइन में से 1,126 किमी साझा करता है. केंद्र सरकार ने अरुणाचल प्रदेश के अलावा दूसरे बॉर्डर स्टेट में कुल 2178 किलोमीटर की लंबाई के 6 कॉरिडोर को मंजूरी दी है, जिसमें से 2,053 किलोमीटर अरुणाचल में है.
फ्रंटियर हाईवे की लंबाई लगभग 1,859 किलोमीटर है. इससे आने वाले कुछ सालों में न सिर्फ आम आदमी के लिए बल्कि सेना के लिए एयरपोर्ट, सड़क से अरुणाचल प्रदेश जाना काफी आसान होने वाला है.