History of Mizoram: भारत के सबसे छोटे राज्यों में गिना जाता है मिजोरम, जानिए इस राज्य का इतिहास

भारत के उत्तर-पूर्वी कोने की ऊंची पहाड़ियों में स्थित मिजोरम एक छोटा सा राज्य है। मिजोरम पहाड़ी इलाकों, घुमावदार नदियों, वनस्पतियों, अंतहीन विविधता वाले परिदृश्य और जीवों की समृद्ध संपदा से संपन्न है। साल 1987 को इसे राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ था। यह भारत के सबसे छोटे राज्यों में गिना जाता है। मिजोरम नाम इनकी मूल जनजाति ‘मिजो’ के नाम पर पड़ा था। मिजोरम का अर्थ होता है ‘पहाड़ों की भूमि’। 

असम का जिला था मिजोरम

आपको बता दें कि यह पहले असम राज्य का एक जिला हुआ करता था। लेकिन फरवरी 1987 में इसको असम से अलग कर दिया गया और मिजोरम को भारत के 23वें राज्य के रूप में दर्जा प्रदान किया गया। मिजोरम को राज्य बनने के पहले ‘लुशाई पर्वतीय जिले’ के रूप में जाना जाता था। मिजोरम में प्रवेश लेने के लिए आपको इनर लाइन परमिट लेना पड़ता है। यह राज्य पर्यटन की दृष्टि से काफी अहम है। यहां पर मिजोरम की कला, संस्कृति और प्राकृतिक सुंदरता को निहारने के लिए और ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों को देखने के लिए दुनिया भर से पर्यटक यहां पहुंचते हैं।

ना के बराबर है प्रदूषण

मिजोरम काफी शांत जगहों में शुमार है, यहां पर आपको ना के बराबर प्रदूषण मिलेगा। आप जिस तरह की शांति यहां अनुभव करेंगे। वैसी शांति आपको कहीं भी नहीं मिलेगी। इस राज्य को भारत का ‘सोंगबर्ड ऑफ़ इंडिया’ भी कहा जाता है। मिजोरम को 21 खूबसूरत पहाड़ी श्रृंखलाओं के लिए भी जाना जाता है। मिजोरम का इतिहास 16वीं शताब्दी में अस्तित्व में आया था। 18वीं और 19वीं शताब्दी में मिजोरम में बहुत जनजातीय युद्ध हुए। इसके बाद साल 1891 में यह ब्रिटिश के कब्जे में चला गया। वहीं कुछ सालों बाद उत्तर का लुशाई पर्वतीय क्षेत्र असम और आधा दक्षिणी भाग बंगाल के भी अधीन रहा। 

फिर साल 1898 में बंगाल और असम राज्य ने मिलकर मिजोरम को एक जिला बना दिया। इस जिले का नाम लुशाई हिल्स जिला पड़ा। अब यह असम प्रशासन के कंट्रोल में आ गया था। साल 1972 में पूर्वोत्तर क्षेत्र पुनर्गठन अधिनियम लागू हुआ। तब मिजोरम को एक केंद्रशासित प्रदेश का दर्ज़ा दिया गया। फिर करीब 14 सालों बाद साल 1986 में भारत सरकार और मिज़ो नेशनल फ्रंट के बीच एक समझौते हुआ। इस तरह से 20 फरवरी 1987 को इसे पूर्ण राज्य का दर्जा दे दिया गया।

वर्ष 2022 में मिज़ोरम की आबादी 1.27 मिलियन होने का अनुमान है। यह सिक्किम के बाद भारत में दूसरा सबसे कम आबादी वाला राज्य है।

लिंग अनुपात: प्रति 1000 पुरुषों पर 975 महिलाएं (राष्ट्रीय स्तर पर यह 943 है)।

राज्य की साक्षरता दर 91.58% है (राष्ट्रीय दर: 74.04%)।

मिजोरम में जनजातियां

मिजोरम की आबादी का एक बड़ा हिस्सा जातीय जनजातियों से बना है। यह लोग सांस्कृतिक या भाषाई उत्पत्ति के जरिए एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। बता दें कि यहां की जनजातीय संस्कृति और समग्र रूप से लोगों के इन जातीय समूहों को ‘मिजोस’ नाम से जाता है। मिजोरम में जनजातीय लोगों को चार प्रकार के समुदायों में विभाजित किया गया है। जिनमें चकमा जनजाति, पावी जनजाति, राल्ते जनजाति और कुकी जनजाति शामिल है।

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