शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बृहस्पतिवार को समाज के समृद्ध लोगों से बाल देखभाल केंद्रों में रह रहे अनाथ बच्चों को गोद लेने की अपील कि ताकि इन बच्चों का सुखद व उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित किया जा सके। सुक्खू ने मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के अंतर्गत यहां टूटी कंडी के शिशु गृह में पल रही अनाथ बच्ची ज्योति (काल्पनिक नाम) का उसके भावी माता-पिता को दत्तक ग्रहण करवाया। सुक्खू ने दंपति के नेक कार्य और समाज के धनी वर्ग को गोद लेने के विकल्प को प्रोत्साहित करने के लिए उनकी सराहना की।
एक आधिकारिक बयान में सुक्खू के हवाले से कहा गया, प्रदेश सरकार ने अनाथ व असहाय वर्गों के दर्द को समझा और इसी क्रम में मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना आरंभ की है। सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार समाज के कमजोर व गरीब वर्गों के कल्याण के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा, अनाथ बच्चों व बेसहारा वर्गों के लिए कानून के तहत योजना बनाने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य बना है। सुक्खू ने कहा, इस योजना में लगभग चार हजार अनाथ बच्चों को शामिल किया गया हैं और उनकी पढ़ाई और समग्र विकास की पूरी जिम्मेदारी राज्य ने उठाई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री सुख आश्रय कोष प्रदेश सरकार के इन प्रयासों की दिशा में एक और सार्थक पहल है। इसमें प्रदेशवासियों से बहुमूल्य योगदान मिला है, मंत्रिमंडल के सहयोगियों और विधायकों ने भी अंशदान किया है। सुक्खू ने कहा, इस योजना के दायरे में आने वाले अनाथ बच्चों के रहन-सहन, शिक्षा से लेकर उनके भविष्य को सुरक्षित करने में इस कोष का इस्तेमाल किया जा रहा है।
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