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यह आदेश न्यायमूर्ति ए.आर. मसूदी एवं न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की पीठ ने 1998 में मॉडल जेल से मिले पत्र के आधार पर दायर एक जनहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए पारित किया।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा है कि लखनऊ मॉडल जेल में कितने विचाराधीन कैदी और कितने सजायाफ्ता कैदी बंद हैं। इनमें पुरूष एवं महिला कैदियों की संख्या कितनी है।
अदालत ने यह भी पूछा है कि क्या किसी महिला कैदी के साथ कोई बच्चा भी रह रहा है।
यह आदेश न्यायमूर्ति ए.आर. मसूदी एवं न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की पीठ ने 1998 में मॉडल जेल से मिले पत्र के आधार पर दायर एक जनहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए पारित किया।
यह पत्र वहां के एक बंदी इश्तियाक हसन खान ने भेजा था।
अदालत ने सरकार से यह भी जानकारी मांगी है कि मॉडल जेल के बंदियों को भोजन देने का क्या तंत्र है।
अदालत ने अगली सुनवाई पर जेल प्रशासन के एक अधिकारी को तलब किया है। मामले की अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी।
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