सर्दियों के मौसम में एसिडिटी की समस्या होना आम बात होती है। वहीं कुछ लोगों में एसिडिटी की समस्या इतनी अधिक बढ़ जाती है कि पूरा दिन बर्बाद हो जाता है। एसिडिटी होने के पीछे गरम चीजों का सेवन, गलत लाइफस्टाइल और एक्सरसाइज की कमी होना है। ऐसे में अगर आप भी सर्दियों में एसिडिटी की समस्या से परेशान हो जाते हैं। तो आपको इससे बचने के लिए कुछ घरेलू आसान उपाय अपनाने चाहिए।
एक्टिव रहें
सर्दियों में एसिडिटी होने का सबसे बड़ा एक कारण यह भी होता है कि लोग फिजिकल एक्टिविटी कम कर देते हैं। वहीं लोग जरूरत पड़ने पर ही सर्दियों में घर से बाहर निकलते हैं। वहीं सर्दियों में जहां फिजिकल एक्टिविटी कम हो जाती है, वहीं स्पाइसी, ऑयली और जंक फूड का सेवन अधिक हो जाता है। खाने में कैलोरी की मात्रा बढ़ने से शरीर का काम कम हो जाता है। जिसके कारण खाना पच नहीं पाता है। ऐसे में एसिडिटी की समस्या से बचने के लिए फूड हैबिट बदलने के साथ ही एक्टिव रहना भी जरूरी होता है। पूरा दिन बैठे न रहें वहीं सर्दियों में एक्सरसाइज और व्यायाम आदि शारीरिक गतिविधियां जारी रखें।
जल्दी नहीं पचता खाना
सर्दियों में तापमान घटता-बढ़ता रहता है। जिसका सीधा असर हमारे डाइजेस्टिव सिस्टम पर पड़ता है। वहीं मेटाबॉलिज्म भी स्लो हो जाता है। ऐसे में जंक फूड या ऑयली चीजें खाने से अपच की समस्या हो जाती है। इसलिए खानपान की आदतें बदलें और डेली डाइट में फाइबर युक्त फूड आइटम जरूर शामिल करना चाहिए।
कुछ लोगों को दूध से एलर्जी होती है। ऐसे लोगों को प्लांट बेस्ड मिल्क प्रोडक्ट्स का उपयोग करना चाहिए। घर में बने फ्रूट जूस या जिंजर टी से आपका काम हो जाएगा।
एसिडिटी होने के कारण और संकेत
एसिडिटी एक आम समस्या है जो सबको कभी न कभी होती है। लंबे समय तक भूखे रहना, पानी की कमी होना या गरम तासीर वाली चीजों का सेवन और तली-भुनी चीजों के सेवन से पेट में पित्त बढ़ जाता है और एसिडिटी की समस्या होने लगती है।
सर्दियों में क्यों होती है एसिडिटी
सर्दियों के मौसम में गरम तासीर वाली चीजें जरूरत से ज्यादा खाते हैं, जिसके कारण एसिडिटी की समस्या होने लगती है। इसकी वजह से खट्टी डकारें, सीने में जलन, मुंह से बदबू, सिरदर्द, पेड फूलना आदि समस्याएं होने लगती हैं।
लिमिट में खाएं
सर्दियों में यदि गरम तासीर वाली चीजों का लिमिटेड सेवन किया जाए, तो शरीर को उसका लाभ मिलता है। लेकिन गरम तासीर वाली चीजों की अति की वजह से एसिडिटी बढ़ जाती है। जैसे पूरे दिन में एक ड्राईफ्रूट या गोंद वाले लड्डू खाने से फायदा मिलता है। लेकिन दिन भर में तीन से चार लड्डू खाने पर शरीर में हीट बढ़ा देते हैं।
वहीं सर्दियों में हर घर में अदरक का सेवन किया जाता है। लेकिन जरूरत से ज्यादा अदरक का उपयोग एसिडिटी बढ़ा सकता है। वहीं सर्दियों में तीखा मसालेदार, गरम मसाले वाला खाना और तली-भुनी चीजों के अधिक सेवन से एसिडिटी हो जाती है।
फाइबरयुक्त डाइट लें
सर्दियों में फाइबरयुक्त चीजों को डाइट में शामिल करना चाहिए। वहीं फल, हरी सब्जियां और अंकुरित चीजों को डाइट में शामिल करने से एसिडिटी नहीं होती है। इसके साथ ही मूंगफली, कच्ची हल्दी, आंवला, तिल, गुड़, कालीमिर्च, सोंठ आदि का सेवन सीमित मात्रा में जरूर करें।
खूब पानी पिएं
सर्दियों में लोग पानी का सेवन कम करते हैं या फिर बहुत अधिक गर्म पानी पीते हैं। यह दोनों की तरीके अच्छे नहीं माने जाते हैं। क्योंकि शरीर में पानी की कमी से एसिड बढ़ जाता है और अधिक गर्म पानी पीने से भी एसिड बढ़ता है। सर्दियों में पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। वहीं अधिक गर्म पानी पीने से भी बचना चाहिए। सर्दियों में आप गुनगुने पानी का सेवन कर सकती हैं।
योग और एक्सरसाइज
सर्दियों में फिजिकल एक्टिविची की कमी हो जाती है। वहीं सर्दियों में बुजुर्गों के लिए मॉर्निंग वॉक पर जाना काफी मुश्किल हो जाता है।
सर्दियों में अगर आप बाहर टहलने के लिए नहीं जा सकते हैं, तो आपको अपने घर में टहलना चाहिए। जिससे कि आपका रूटीन न टूटे और शरीर एक्टिव रहेगा। वहीं युवाओं को भी फिजिकल एक्टिविटी करते रहना चाहिए। आप घर पर ही योग व एक्सरसाइज कर सकते हैं। इससे आपका शरीर एक्टिव रहेगा और खाना भी आसानी से पच जाएगा।
सर्दियों में इन नियमों का रखें ख्याल
खाली पेट खट्टे फल यानी की संतरा और नींबू आदि का जूस नहीं पीना चाहिए। क्योंकि इससे भी एसिडिटी हो सकती है। अगर आप कम पानी पीते हैं तो इस आदत को बदलने की जरूरत है। अधिक मात्रा में चाय-कॉफी का सेवन नहीं करना चाहिए। साथ ही अगर आप ड्रिंक करते हैं, तो आपको इस आदत से भी दूरी बनानी चाहिए।
बुजुर्गों का मेटाबॉलिज्म वैसे भी कम रहता है और सर्दियों में अधिक स्लो हो जाता है। इसलिए बुजुर्गों को सर्दियों में अपने खानपान और लाइफस्टाइल का खास ख्याल रखना चाहिए।
सर्दियों में भरपेट खाने की बजाय थोड़ा कम खाना चाहिए। इससे आपके डाइजेस्टिव सिस्टम पर कम दबाव पड़ेगा।
किसी भी सीजन में देर रात का डिनर करना अच्छा नहीं माना जाता है। देर रात खाना खाने से एसिडिटी की समस्या हो जाती है। वहीं सुबह देर तक भूखे रहने से भी एसिडिटी बनती है। इसलिए खाने की आदत को सुधारकर एसिडिटी से बचना चाहिए।
आजकल के बच्चे घर के खाने से ज्यादा जंक फूड खाना अधिक पसंद करते हैं। जिसके कारण कम उम्र में एसिडिटी की समस्या हो जाती है। क्योंकि जंक फूड में कई तरह के केमिकल मिलाए जाते हैं और बच्चों के स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है।
बच्चों की आदतों को सुधारने से पहले बड़ों को अपनी फूड हैबिट्स सुधारनी होगी। जब आप सही रहेंगे तो बच्चे भी आपको देखकर सीखेंगे।
हल्के में न लें एसिडिटी
आपको बता दें एसिडिटी की समस्या को नजरअंदाज करना जानलेवा साबित हो सकता है। कुछ लोग इस मामले में लापरवाही बरतते हैं और सही समय पर इलाज नहीं कराते हैं। जिसकी वजह से अल्सर की समस्या होती है। वहीं यदि लंबे समय तक शरीर में अल्सर के घाव बने रहते हैं, तो यह कैंसर का रूप ले सकते हैं।
अनहेल्दी लाइफस्टाइल
शरीर में होने वाली कोई भी समस्या ऐसे ही रातों-रात नहीं हो जाती है। दस साल से व्यक्ति जो लाइफस्टाइल जी रहा है, उसका सेहत पर गहरा असर पड़ता है। वहीं एसिडिटी का समय पर इलाज नहीं होने पर यह अल्सर और बाद में कैंसर का रूप ले सकता है।
एसिडिटी से होने वाली समस्याएं
एसिडिटी गैस की समस्या को बढ़ाता है और हार्ट बर्न हो सकता है। वहीं जिन लोगों को दिल संबंधी समस्या है और उनको अगर कांस्टिपेशन हो जाए तो शौच के समय भी वह जोर नहीं लगा सकते हैं।
यदि किसी व्यक्ति को अल्सर की समस्या हुई है तो इसके पीछे का मुख्य कारण एसिडिटी है। यदि समय पर इस समस्या का इलाज न किया जाए तो पेट की लेयर्स और शरीर के अन्य अंगों में घाव हो सकते हैं। बाद में यह घाव अल्सर का रूप ले लेते हैं। इसलिए एसिडिटी की समस्या को नजरअंदाज करने की गलती नहीं करनी चाहिए।
अगर आप काफी लंबे समय तक भूखे रहते हैं तो आपको अल्सर की समस्या हो सकती है। इसके साथ ही यदि आपका खानपान ज्यादा मसालेदार और तला-भुना है या फिर आप रात में देर से खाना खाते हैं तो इससे भी एसिडिटी बढ़ सकती है।
टाइम मैनेजमेंट
अगर आप लेट नाइट खाना खाते हैं, या रात में तली भुनी चीजों का सेवन अधिक करते हैं तो यह एसिडिटी की वजह बन सकती है।
वहीं देर रात खाना खाने से बॉडी में शरीर में हाइड्रोक्लोरिक लिक्विड बनता रहता है। वहीं जब पेट में समय से खाना नहीं पहुंचता है, तो पेट झिल्लियों को तकलीफ पहुंचाती है और शरीर में एसिड बनने लगता है।
एसिडिटी से स्टोन की समस्या
बता दें कि सबकी बॉडी में अलग टेंडेंसी होती है। वहीं कुछ लोगों के शरीर में एसिड की मात्रा बढ़ने से केमिकल रिएक्शन बढ़ता है और कैल्शियम कार्बोनेट बनने लगता है। जिससे स्टोन की समस्या होने लगती है। वहीं एसिडिटी की समस्या होने से हार्ट बर्न, स्टोन, अल्सर और कैंसर आदि बड़ी बीमारियां हो सकती है। इसलिए एसिडिटी की समस्या को हल्के में नहीं लेना चाहिए।
अपच से शुरू होती हैं बीमारी
कई लोगों को एसिडिटी की समस्या होने पर कांस्टिपेशन की तकलीफ भी बढ़ जाती है। ऐसे में पाइल्स की समस्या के साथ शौच में खून आने लगती है। इसलिए इसका इलाज बहुत जरूरी होता है।
एसिडिटी की समस्या से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी, तनाव से बचने के लिए योग और प्राणायाम को अपनी डेली रूटीन में शामिल करना चाहिए। वहीं तलीभुनी चीजों से दूरी बनाकर रहें। डाइट में फाइबरयुक्त फूड शामिल करना चाहिए।
एसिडिटी से बचाव के उपाय
एसिडिटी की समस्या से छुटकारा पाने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव लाने की जरूरत होती है। वहीं सोने-उठने और खाने-पीने की आदतों को बदलकर हेल्थ और फिटनेस पर ध्यान दें। इन चीजों को अपनाकर एसिडिटी की समस्या से बचा सकता है।
डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।