अंजलि सिंह राजपूत/लखनऊ. बदलते वक्त के साथ लोगों के रहन-सहन और खान-पान में बड़े बदलाव आया हैं. लाइफस्टाइल और खाने-पीने में हुए ये बदलाव सेहत पर भारी पड़ रहे हैं. इन सभी चीजों की वजह से कम उम्र में ही लोग गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं. कुछ लोग अपनी बीमारियों का इलाज कराने के लिए एलोपैथिक दवाओं से ज्यादा होम्योपैथिक का सहारा लेते हैं.
होम्योपैथिक मेडिकल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सदस्य और लखनऊ के वरिष्ठ होम्योपैथिक डॉक्टर अनिल कुमार त्रिपाठी का कहना है कि हमारे देश में एलोपैथी की ही तरह की होम्योपैथी ने भी तरक्की की है. आपको जानकर हैरानी होगी कई ऐसी बीमारियां हैं जिनमें एलोपैथिक दवाएं जिंदगी भर खानी पड़ती हैं जबकि होम्योपैथी में कुछ वक्त बाद बीमारियां ठीक हो जाती है और दवाएं भी कम समय के लिए खानी पड़ती है. इन बीमारियों में डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और थायरॉइड के साथ ही लीवर से जुड़ी हुई तमाम बीमारियां शामिल हैं. बस इन्हें लेते समय कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो दवाएं अच्छा असर करती हैं.
होम्योपैथी के प्रति बढ़ रही जागरूकता
होम्योपैथिक डॉक्टर अनिल कुमार त्रिपाठी ने बताया कि सभी दवाएं चाहे वो होम्योपैथिक हों या फिर एलोपैथिक सबका अपना अपना रोल है. लेकिन एलोपैथी में डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, थायराइड और लीवर से जुड़ी बीमारियों में लाइफ टाइम तक यानी जिंदगी भर तक दवाई खानी पड़ती हैं, जबकि होम्योपैथिक दवाएं इन बीमारियों के लक्षणों को पहले पहचानती हैं और लक्षणों के आधार पर इलाज किया जाता है. जिससे मरीजों को राहत मिलती है और बीमारी भी ठीक हो जाती है.
इन चीजों से करें परहेज
डॉ. अनिल कुमार त्रिपाठी ने बताया कि होम्योपैथिक इलाज करते समय जो चीजें ज्यादा ठोस होती हैं. उन्हें खाने से बचना चाहिए. साथ में ही अचार, दही और ठंडी चीजों का सेवन करने से भी बचना चाहिए. ऐसा करेंगे तो दवाई जल्दी असर करेगी.
(NOTE: कोई भी होम्योपैथी दवा लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें. News18 Local किसी भी बीमारी को जड़ से खत्म करने का दावा नहीं करता है. डॉक्टर की राय ही सर्वोपरि है.)
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FIRST PUBLISHED : November 2, 2023, 14:21 IST