
अदालत का फैसला
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हाथरस के अपर सत्र न्यायाधीश/एफटीसी प्रथम पारुल वर्मा के न्यायालय ने 16 वर्षीय एक किशोरी के अपहरण व दुष्कर्म के आरोप में एक आरोपी को दोषी करार देते हुए दस साल कैद की सजा सुनाई है। न्यायालय ने दोषी पर अर्थ दंड भी लगाया है। अर्थ दंड न देने पर दोषी को अतिरिक्त कारावास भोगना होगा।
अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजी सी मुकेश कुमार चौधरी ने बताया कि थाना सासनी क्षेत्र के एक मोहल्ले के निवासी एक व्यक्ति ने थाने में तहरीर दी थी। तहरीर में कहा था कि उसकी 16 वर्षीय लड़की 4 मार्च 1989 को कहीं चली गई। 5 अप्रैल 1989 को पुलिस को सूचना मिली कि पीड़िता को उसका पड़ोसी बहला फुसलाकर कर भगा ले गया है। इसे पुलिस ने पकड़ लिया।
इसने अपना जुर्म इकबाल करते हुए बताया कि 4 मार्च 1989 को वह इस किशोरी को अपने साथ भगा कर अलीगढ़ ले गया। अलीगढ़ के नौरंगाबाद मोहल्ले में उसे भाऊ पुत्र केदारी यादव निवासी हरनौर थाना दादों मिला। वहां से यह लोग उसे लेकर भाऊ की रिश्तेदारी में छोटी सराय थाना फैजगंज जिला बदायूं पहुंच गए। वहां पर अमर सिंह व भूरे सिंह के घर पर रुके। वहां से पीड़िता को रात को ही भाऊ बहला फुसलाकर अमर सिंह के मकान से कहीं ले गया। फिर भाऊ ने पीड़िता को 6 हजार रुपए में चंद्र प्रकाश को बेच दिया।
इन लोगों ने किशोरी का अपहरण कर और उसे कैद कर उसके साथ दुष्कर्म किया। पुलिस ने इस किशोरी को मुकदमा दर्ज होने के बाद बरामद कर लिया। इस मामले में विवेचक ने न्यायालय में छनुआ, अमर सिंह, भूरे सिंह, चंद्र प्रकाश और भाऊ यादव के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया। मुकदमे के दौरान दो आरोपियों भूरे सिंह और अमर सिंह की मौत हो गई। शेष दो आरोपी छनुआ और चंद्र प्रकाश न्यायालय में हाजिर नहीं हुए।
पत्रावली में भाऊ यादव का विचारण न्यायालय में हुआ। इस मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी प्रथम पारुल वर्मा के न्यायालय में हुई। न्यायालय ने आरोपी भाऊ यादव को अपहरण करने, उसके साथ दुष्कर्म करने का दोषी मानते हुए उसे 10 साल की कैद की सजा सुनाई है। न्यायालय ने दोषी पर अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड न देने पर दोषी को अतिरिक्त कारावास भोगना होगा। अभियोजन पक्ष की ओर से पर पैरवी एडीजीसी मुकेश कुमार चौधरी ने की।