अमर उजाला नेटवर्क, हाथरस
Updated Tue, 02 Jan 2024 12:58 AM IST

बागला जिला अस्पताल की खाली पड़ी ओपीडी
– फोटो : संवाद
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हाथरस जिला अस्पताल का हाल बेहाल है। 1 जनवरी को जिला अस्पताल में 12 चिकित्सकों में से महज चार चिकित्सक ही वाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) में बैठे। ओपीडी में चिकित्सक न मिलने से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। मजबूरन मरीजों को अन्य चिकित्सकों से उपचार कराना पड़ा।
स्वास्थ्य विभाग के पास चिकित्सकों व संसाधनों की काफी कमी है। जिला अस्पताल में 25 चिकित्सकों में से महज 12 चिकित्सकों की तैनाती है। सुबह 10 बजकर 32 मिनट पर अस्पताल में महज चार चिकित्सक ही ओपीडी में बैठे थे। हड्डी रोग विशेषज्ञ कक्ष ओपीडी में फिजीशियन कक्ष, ईएनटी कक्ष, बाल रोग विभाग खाली पड़ा हुआ था।
जानकारी करने पर पता चला कि हड्डी रोग विशेषज्ञ की ड्यूटी इमरजेंसी वार्ड में है। बाल रोग विशेषज्ञ अस्पताल में राउंड पर गए हुए हैं। फिजीशियन डॉ. नीता अवकाश पर हैं। ईएनटी के चिकित्सक डॉ. केके शर्मा की ड्यूटी पोस्टमार्टम में है। ओपीडी में चिकित्सक न मिलने से अस्पताल में उपचार कराने आए मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। मजबूरन मरीजों को अन्य बीमारी के चिकित्सकों से उपचार कराना पड़ा।
मुझे उल्टी व अपच की परेशानी है। मैं अपना उपचार डॉ. नीता से करा रही हूं। सोमवार को वह अस्पताल नहीं आईं। मजबूरन मुझे बिना उपचार लौटना पड़ रहा है।- ईशा, परसारा
मुझे खुजली की दिक्कत है। उपचार के लिए जिला अस्पताल आया हूं। यहां चर्म रोग चिकित्सक मौजूद नहीं हैं। मजबूरन आयुष चिकित्सक से उपचार कराना पड़ा।- छोटेलाल, सोखना।
जिला अस्पताल में चिकित्सकों की कमी है। ओपीडी के चिकित्सकों पर ही इमरजेंसी व पोस्टमार्टम की जिम्मेदारी रहती है। इससे ओपीडी में चिकित्सकों की संख्या कम हो जाती है। इसके बावजूद सीमित संसाधनों में मरीजों को बेहतर उपचार देने का प्रयास किया जा रहा है।- डॉ. सूर्यप्रकाश, बागला जिला अस्पताल हाथरस।