अदालत का फैसला
– फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
हाथरस सत्र न्यायाधीश सतेंद्र कुमार के न्यायालय ने पुलिस भर्ती परीक्षा के सॉल्वर गिरोह के दो अभियुक्तों की जमानत 1 मार्च को खारिज कर दी। दोनों अभियुक्त पुलिस भर्ती परीक्षा में पकड़े गए थे।
जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी राजपाल सिंह दिसवार ने बताया कि सत्र न्यायाधीश सतेंद्र कुमार के न्यायालय में दोनों अभियुक्तों पंकज कुमार पुत्र चंद्रवीर निवासी चांदपुर खुर्द थाना नौझील जिला मथुरा, रवि दिवाकर पुत्र हेतराम निवासी रसमई नसीरपुर थाना सादाबाद जिला हाथरस के जमानत प्रार्थना पत्रों की सुनवाई हुई।
दोनों अभियुक्तों के जमानत प्रार्थना पत्रों का विरोध करते हुए जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी राजपाल सिंह दिसवार ने तर्क दिया कि अभियुक्तों का एक संगठित गिरोह है, जो विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में वास्तविक अभ्यर्थी के स्थान पर दूसरे व्यक्ति को परीक्षा में शामिल करने एवं परीक्षा से पूर्व ही आंसर-की उपलब्ध कराने का कार्य करता है। अभियुक्तों के कब्जे से बरामद मोबाइल के व्हाट्स एप में आरक्षी भर्ती से संबंधित उनके स्वयं के प्रवेश पत्र के अतिरिक्त अनेक अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र व आंसर-की प्राप्त हुई हैं।
अभियुक्त रवि दिवाकर के मोबाइल में 17 फरवरी व 18 फरवरी को परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों से ली गई मोटी रकम का लेखा-जोखा प्राप्त हुआ है। ऐसे सॉल्वर गिरोह के सक्रिय रहने के कारण आरक्षी भर्ती परीक्षा निरस्त करनी पड़ी है, जिससे लाखों अभ्यर्थियों का भविष्य अंधकार में हुआ है तथा बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने की सरकार की मंशा विफल हुई है एवं राजस्व की हानि हुई है।
इन तर्कों के आधार पर जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की याचना की गई। दोनों अभियुक्तों के जमानत प्रार्थना पत्रों की सुनवाई सत्र न्यायाधीश सतेंद्र कुमार के न्यायालय में हुई। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत दोनों अभियुक्तों पंकज कुमार और रवि दिवाकर के जमानत प्रार्थना पत्रों को खारिज कर दिया।