जिला उपभोक्ता फोरम
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हाथरस जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने एक इंश्योरेंस कंपनी पर एक महिला को घुटना प्रत्यारोपण कराए जाने के बावजूद पॉलिसी का पैसा न देने पर सात प्रतिशत की ब्याज दर से एक लाख तिहत्तर हजार पांच सौ रुपये दिए जाने के आदेश पारित किए हैं। आयोग ने परिवादी महिला को मुकदमे के खर्च के लिए 20 हजार रुपये, मानसिक संताप, शारीरिक कष्ट एवं आर्थिक क्षति के लिए 10 हजार रुपये दिए जाने के आदेश भी दिए हैं।
वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश कुमार शर्मा ने बताया कि शहर की रावत कॉलोनी निवासी कमला देवी ने रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड रॉयल इंडस्ट्रियल एस्टेट बाडला पश्चिम मुंबई की बीमा पॉलिसी ली थी। इस दौरान कमला देवी के बाएं घुटने में दर्द होने पर जनवरी 2010 से उपचार आरंभ कराया। जब लाभ नहीं हुआ तो वर्ष 2010 में फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल जयपुर में उपचार कराया। वहां कई प्रकार की जांच आदि करने के बाद कमला देवी के बाएं पैर के घुटने का प्रत्यारोपण किया गया।
इस उपचार में खर्च हुए धन को विपक्षी से प्राप्त करने के लिए ने एक लाख 78 हजार सात सौ दो रुपये का बीमा दावा प्रस्तुत किया गया। आरोप है कि इस बीमा दावा को विपक्षी ने 29 मार्च 2011 को मनमाने तरीके से निरस्त कर दिया। इस प्रकरण में कमला देवी ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के समक्ष परिवाद दाखिल किया।
इस मामले की सुनवाई आयोग के अध्यक्ष राकेश कुमार (चतुर्थ), सदस्य कृष्ण प्रभाकर उपाध्याय, रंजना गोयल के समक्ष हुई। आयोग ने रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी को परिवाद प्रस्तुत किए जाने के दिनांक से वास्तविक अदायगी के दिनांक तक सात प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज की दर से एक लाख तिहत्तर हजार पांच सौ रुपये का भुगतान निर्णय की तिथि से 45 दिन के अंदर कमला देवी को अदा किए जाने के आदेश दिए हैं।