अदालत का फैसला
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हाथरस विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) चित्रा शर्मा के न्यायालय ने 17 वर्षीय किशोरी का अपहरण कर दुष्कर्म करने वाले को 10 साल कैद की सजा सुनाई है। न्यायालय ने दोषी पर अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड न देने पर दोषी को अतिरिक्त कारावास भोगना होगा। दोषी पीड़िता का दूर का रिश्तेदार था ,जोकि अपहरण कर उसे लुधियाना ले गया था।
अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करने वाले एडीजीसी मुकेश कुमार चौधरी ने बताया कि थाना चंदपा क्षेत्र के एक व्यक्ति ने थाने में तहरीर दी थी, जिसमें कहा था कि 12 सितंबर 2018 को समय करीब 11.45 बजे रात्रि उनकी 17 वर्षीय पुत्री अचानक घर से बिना बताए चली गई। काफी तलाश के बाद भी वह नहीं मिली तो 14 सितंबर 2018 को उन्होंने बेटी की गुमशुदगी लिखकर दी। जानकारी होने पर इस मामले में मुकदमा दर्ज हुआ। विवेचक ने न्यायालय में आरोपपत्र दाखिल किया। अदालत में यह बात निकलकर आई कि पीड़िता को आरोपी मंशाराम ने रात में पौने 12 बजे के करीब फोन करके गांव के बाहर बुलाया। पीड़िता रिश्तेदार होने से इसके फोन पर गांव से बाहर चली गई।
वहां मैक्स गाड़ी लिए मंशाराम व उनके साथ एक चालक बहला-फुसलाकर जबरदस्ती लुधियाना ले गया। वहां एक कमरा किराये पर लिया। वहां उसने पीड़िता के साथ कमरे में दुष्कर्म किया। वह चाय में नशे की दवा डालकर पिला देता था, जिससे पीड़िता बेहोश हो जाती थी। घटना के दो-तीन दिन बाद पीड़िता के मामा लुधियाना पहुंचे और वहां से उसे लेकर आए थे। अभियुक्त ने धमकी दी थी कि अगर किसी को कुछ बताया तो उसे जान से मार देंगे।
इस मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) चित्रा शर्मा के न्यायालय में हुई। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत आरोपी मंशाराम पुत्र रामचरन निवासी मिर्जापुर थाना अवागढ़ जिला एटा को दोषी करार देते हुए 10 साल कैद की सजा सुनाई है। न्यायालय ने दोषी पर अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड न देने पर दोषी को अतिरिक्त कारावास भोगना होगा। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी एडीजीसी मुकेश कुमार चौधरी ने की।