Gyanvapi case
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ज्ञानवापी परिसर की भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की सर्वे रिपोर्ट की नकल 839 पेज की है, जो पांच लोगों को मिल गई है। रिपोर्ट में कई खुलासे हुए हैं। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन सर्वे रिपोर्ट मिलने के बाद होटल जाकर प्रेस कांफ्रेंस कर रहे हैं। एएसआई की सर्वे रिपोर्ट में ज्ञानवापी परिसर में जनार्दन, रुद्र और विश्वेश्वर के शिलालेख मिले हैं। रिपोर्ट में महामुक्ति मंडप लिखा है। एएसआई का कहना है कि यह मजबूत संकेत है।
एएसआई ने सर्वे के दौरान एक पत्थर पाया जो टूटा हुआ था। ऐसे में जदूनाथ सरकार की फाइंडिंग को सही पाया। 1669 में 2 सितंबर को मंदिर ढहाया गया था। जो पिलर थे पहले के मंदिर के उनका इस्तेमाल मस्जिद के लिए किया गया। जो तहखाना S2 है, उसमें हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां थी। एएसआई कहता है कि पश्चिमी दीवार एक हिंदू मंदिर का हिस्सा है। उसे आसानी से पहचाना जा सकता है। 17वीं शताब्दी में मंदिर तोड़ा गया था। इसके बाद इसे मस्जिद के लिए इस्तेमाल किया गया।
एएसआई कह रहा है कि यहां मस्जिद से पहले हिंदू मंदिर का स्ट्रक्चर था। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन का कहना है कि अब सील वजूखाना की एएसआई सर्वे की मांग सुप्रीम कोर्ट से करेंगे।
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बता दें कि अदालत ने बुधवार को एएसआई रिपोर्ट दोनों पक्षों को दिए जाने के आदेश के साथ ही कहा कि 800 पेज की रिपोर्ट ईमेल के जरिये नहीं मिलेगी। हर पक्ष को 3500 रुपये जिला अदालत के कोषागार में जमा कराकर रिपोर्ट लेनी होगी।
जिला जज डॉक्टर अजय कृष्णा की अदालत ने ज्ञानवापी परिसर की एएसआई की सर्वे रिपोर्ट सभी पक्षकारों और डीपी को देने का आदेश दिया था। अदालत ने सर्वे रिपोर्ट की मीडिया कवरेज पर किसी तरह की रोक भी नहीं लगाई है। अदालत ने कहा है कि न्याय हित में सर्वे रिपोर्ट की प्रति पक्षकारों को देना उचित होगा, इससे सर्वे रिपोर्ट के खिलाफ आपत्तियां दर्ज कराई जा सकेंगी।